मिश्रण को तैयार करने के लिए सामग्री :
100 ग्राम अजवाइन, 250 ग्राम मैथीदाना और लगभग
50 ग्राम काली जीरी |
मिश्रण तैयार करने के लिए विधि :
इन तीनो चीजों को उचित मात्रा में लेकर अच्छी
तरह से साफ कर लें | इसके बाद इन्हें हल्की आंच पर थोड़ा सेंक कर पीस लें | बारीक
पिसे हुए मिश्रण को कांच के बर्तन या बोतल में डाल लें |
इसका कैसे सेवन करना चाहिए :
इस मिश्रण का लाभ लेने के लिए इसे रात में सोने
से पहले लेना चाहिए | खाना खाने के बाद सोने से पहले एक चम्मच पाउडर को गुनगुने
पाने के साथ लें | इस मिश्रण को गर्म पानी के साथ लेने से अधिक लाभ मिलता है और एक
बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि इसके सेवन के बाद कुछ और नहीं खाना चाहिए |
नियमित रूप से इस चूर्ण का सेवन करने से शरीर
के अन्दर की गंदगी मल और पेशाब के रास्ते से बाहर निकलने लगती है | इस मिश्रण का
पूर्ण रूप से फायदा तब होता है जब आप इसका सेवन लगभग तीन महीने तक करते है | इसके
सेवन से शरीर की अतिरिक्त चर्बी खत्म होने के साथ साथ खून शुद्ध होने लगता है |
त्वचा संबधी कई प्रकार की समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है | इसके अलावा
नियमित रूप से इस मिश्रण का सेवन करने से 18 बिमारियों का उपचार आसानी से किया जा
सकता है |
इन औषधियों से निम्नलिखित रोगों को दूर करने
में मदद मिलती है :
हड्डियों को मजबूती प्रदान करने में मदद मिलती
है |
गठिया रोग की समस्या से आसानी से बचाव करने में
फायदा लिया जा सकता है |
आँखों के रोगों को दूर करने मे लाभ लिया जा
सकता है |
बालों को मजबूती प्रदान की जा सकती है |
कब्ज की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है |
रक्त संचार को नियमित करने के साथ साथ रक्त में
वृद्धि होने लगती है |
कफ की समस्या को दूर किया जा सकता है |
हृदय की कार्य क्षमता बढ़ाने में मददगार होता है
|
थकान को दूर करके घोड़े जैसे ताकत हासिल की जा
सकती है |
याद करने की शक्ति बढ़ने लगती है |
महिलाओं को बेडौल शरीर को सुडौल बनाने में मदद
मिलती है साथ ही शरीर की सुन्दरता भी बढ़ती है |
बहरेपन को दूर किया जा सकता है |
एलोपैथिक दवाओं के दुष्प्रभाव से बचाव किया जा
सकता है |
खून को शुद्ध करने में मदद मिलती है |
शरीर की रक्त नलिकाओं को शुद्ध किया जा सकता है
|
दांतों को शक्ति प्रदान करने के साथ साथ उन्हें
चमकदार बनाया जा सकता है |
व्यक्ति को मर्दाना ताकत प्रदान की जा सकती है
जिससे नपुंसकता की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है |
इनके अलावा कई अन्य रोगों के दौरान भी इस
मिश्रण के सेवन से लाभ लिया जा सकता है जैसे मधुमेह के रोग को नियंत्रित किया जा
सकता है | नियमित रूप से दो महीने तक इसका सेवन करने के बाद ही पूर्ण लाभ मिलता है
| इसलिए निरोगी और स्वस्थ जीवन जीने के लिए इस मिश्रण का सेवन करके अधिक से अधिक
लाभ उठाना चाहिए |
नोट करे :
अधिकतर लोग कलौंजी को काली जीरी मान लेते है |
यह बात सही नहीं है क्योंकि काली जीरी और कलौंजी में बहुत अंतर होता है | यह आपको
पंसारी की दुकान पर आसानी से उपलब्ध हो जाएगी | कालीजीरी को अनेक भाषाओँ में भिन्न
भिन्न नामों से जाना जाता है जो इस प्रकार है :
हिंदी में इसे काली जीरी करजीरा , संस्कृत में अरण्यजीरक, कटुजीरक, बृहस्पाती,
मराठी में कडूकारेलें, कडूजीरें , गुजराती में कडबुंजीरू, कालीजीरी और अंग्रेजी में पर्पल फ्लीबेन के नाम
से जाना जाता है |
ऊपर दिए गए मिश्रण के फायदों से आप अनेकों
बिमारियों का उपचार घर बैठे ही कर सकते है और इसके लिए आपको ज्यादा पैसे खर्च करने
की जरूरत भी नहीं है | इसलिए नियमित रूप से इस उपाय का प्रयोग करके हमेशा स्वस्थ
और निरोगी बने रहें |
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