वर्गीकरण के आधार पर आसनों को चार भागों में बाँट दिया गया है| यह भाग मुद्राओं के आधार
पर किये गए है जैसे बैठकर किये जाने वाले आसन, खड़े होकर किये जाने वालें आसन,
लेटकर किये जाने वाले आसन और उलटे होकर किये जाने वाले आसन |
(1.) शारीरिक अंगों के अनुसार :
इसमें योगासनों का वर्गीकरण शरीर के अंगो के
अनुसार किया जाता है कि किस आसन से कौनसे अंग को कितना लाभ पहुँचता है| इसी के आधार पर आसनों को
वर्गों या भागों में बांटा गया है जो इस प्रकार है :
1.
सिर पर विशेष ध्यान देने वाले आसन
2.
धड़ के लिए फायदेमंद आसन
3.
छाती को लाभ देने वाले आसन
4.
पेट के लिए महत्वपूर्ण आसन
5.
बाँहों के लिए आसन
6.
पैरों (टांगों) के लिए लाभदायक आसन
(2.) कार्य प्रणाली के आधार पर :
इस प्रणाली में आसनों को शारीरिक मुद्राओं के
आधार पर वर्गीकृत किया गया है इसको निम्नलिखित भागो में बांटा गया है :
1.
ऐसे आसन जिन्हें “बैठकर” किया जाता है|
2.
वे आसन जिनमे “लेटने” की मुद्रा धारण की जाती है|
3.
इनमे उन आसनों की गिनती होती है जो “खड़े” होकर किये जाते है|
4.
इनके बाद “उलटे लेटकर” किये जाने वाले आसन आते है|
खड़े होकर किये जाने वाले आसन :
खड़े होकर किये जाने वाले आसनों में ताड़ासन, कोणासन, हस्तपान्दागुष्ठासन,
गरुड़ासन, उत्कटासन, पाह्दस्तासन, वातायनास शामिल है|
बैठकर किये जाने वाले आसन :
इन आसनों में पश्चिमोतानासन, पांदागुष्ठासन, जानुशिरासन, सिद्धासन, पदमासन,
उत्थित पदमासन, बद्धपद्मासन, कुक्कुटासन, गर्भासन, बकासन, लोलासन, वज्रासन,
सुप्तवज्रासन, गोमुखासन, प्राणासन, चतुष्कोण आसन, त्रिकोणासन,
एक्हस्तभुजासन,द्विहस्तभुजासन, एकपाद्शिरासन, मत्स्येन्द्रासन और कन्दपिड्नासन आदि
आते है|
लेटकर किये गए आसन :
लेटकर किये जाने वाले कुछ आसन इस प्रकार है जैसे – शवासन, प्रेतासन, उष्ट्रासन,
धनुरासन, चक्रासन, उतानपादासन, पवनमुक्तासन, हलासन, कर्णपीड़ा आसन, सर्पासन,
शलभासन, मतस्यासन|
उलटे लेटकर किये जाने वाले आसन :
उलटे लेट कर किये जाने वाले आसनों में शीर्षासन, वृक्षासन, वृश्चिकासन आदि को
शामिल किया गया है|
आसन :
ऐसी क्रियाएं जिनके द्वारा शरीर और आत्मा स्थिर होकर सुख को प्राप्त करें
उन्हें आसन कहा जाता है| आसनों के द्वारा ही मनुष्य जीवन की वास्तविक ख़ुशी प्राप्त कर सकता है|
आसन के प्रकार : आसन के दो प्रकार होते है इनमे प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी के आसन होते
है| ध्यानासन को प्रथम श्रेणी
के आसनों में गिना जाता है जबकि दूसरी श्रेणी के आसनों में स्वास्थ्यासन शामिल है| ध्यानासन में बैठकर मन को
स्थिर करने के लिए प्रयास किया जाता है| स्वास्थ्यासन वे आसन होते है जो स्वास्थ्य के
लिए किये जाते है|
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