कई बार शरीर के अंग अचानक ही अपने आप कुछ
गतिविधियाँ करने लगते है जिसके कारण मस्तष्क असामन्य होने लगता है | हालाँकि कभी
कभी ऐसा होना सामान्य समझा जाता है | उसी तरह से कभी कभी हमारी आँख फड़कने लगती है
और हम प्राचीन मान्यताओं के कारण इसके बारे में सोच विचार करने लगते है | भारतीय
परम्परा में आँख के फड़कने को कई बार शुभ भी माना जाता है लेकिन कई बार इसके बुरे
परिणामों का भी अंदाजा लगाया जाता है |
हालाँकि मेडिकल साइंस इस बात को नहीं मानती है
और उसके अनुसार आंख के आसपास की मांसपेशियां अपने आप संकुचित होने लगती है जिसके
कारण आँख फड़कने लगती है | इससे कुछ समय तक स्थिति असामान्य हो सकती है लेकिन इससे
कुछ नुकसान नहीं होता है थोड़ी देर बाद ऐसा होना स्वयं ही बंद हो जाता है |
कुछ लोगो के साथ ऐसा एक हफ्ते या एक महीने तक
लगातार भी हो सकता है और उनकी आँख की निचली पलक और उपरी पलक में ऐसा हो सकता है |
आज हम आपको इस लेख के माध्यम से आँख के फड़कने के बारे में कुछ जानकारी देना चाहते
है जिसे जानकर आपको पता चलेगा की आँख के फडकने के क्या कारण होते है | आइये जानते
है इस विषय से सम्बंधित कुछ खास जानकारी जो आपके सामने इस प्रकार से है :
तनाव के कारण :
तनाव में ज्यादा समय तक रहने के बाद शरीर के
अंग अलग अलग क्रियाएँ करने लगते है इनमे कुछ अजीब होती है | हमारी आँख का फड़कना भी
इन क्रियाओं में से एक है | आँखों में तनाव होने से दृष्टि सम्बन्धी समस्या होने
से भी आँख फड़कने लगती है |
थकान होने से :
जब आप तनाव की स्थिति में रहते है तो भरपूर
नींद नहीं ले पाते है जिसकी वजह से आपको हर समय थकान महसूस होने लगती है | ऐसे में
भी आपको आँखे फड़कने की समस्या हो सकती है | इसलिए इस समस्या को दूर करने के लिए
भरपूर नींद लेनी चाहिए |
आँखों में तनाव होने के कारण :
जब आपकी नजरे कमजोर होने लगती है तो आपको
दृष्टि सम्बन्धी दोष होने लगते है जिसके कारण आपको अपना चश्मा बदलना पड़ता है | इसी
वजह से आँखों में तनाव होने लगता है जिसकी वजह से आँख फड़कने की समस्या हो सकती है
|
कैफीन का सेवन करने से :
अक्सर लोग नियमित रूप से चाय, कॉफ़ी या चॉकलेट
का सेवन अधिक मात्रा में करते है | इन पदार्थों में कैफीन अधिक मात्रा में होता है
| इसलिए आँखों में फड़कने की समस्या का एक कारण कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन भी हो
सकता है | इसलिए हमें इनका सेवन कम करना चाहिए या इनके सेवन से परहेज रखना चाहिए |
सुखी आँखें होने से :
कुछ लोग सारा दिन या ज्यादा समय तक कंप्यूटर पर
काम करते है या फिर , एंटीथिस्टेमाइंस व ऐन्टीडिप्रेसन्ट
जैसी दवाएं लेने वालों और कांटेक्ट लेंस पहनने वालों को भी आँखों में सूखापन होने
की समस्या हो सकती है | कई बार अधिक थकान और तनाव की स्थिति होने से भी ऐसी समस्या
होने की संभावना हो सकती है | इसी वजह से भी आँखे फड़कने लगती है | इस समस्या को
दूर करने के लिए आँखों को उचित नमी प्रदान करने के साथ साथ उनके रूखेपन को दूर
करने के उपाय करने चाहिए |
एलर्जी की समस्या होने पर :
आँखों में एलर्जी की समस्या होने के कारण उनमे
खुजली होना, पानी आना और फड़कने जैसी परेशानी होने की संभावना बनने लगती है | इसलिए
इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए डॉक्टर की मदद से एलर्जी को दूर करने के लिए
किसी ड्राप या दवा का प्रयोग करके लाभ लेना चाहिए |
शराब का अधिक सेवन करने पर :
जो व्यक्ति रोजाना शराब का अधिक सेवन करते है
उन्हें कुछ समय तक इसके सेवन से परहेज रखना चाहिए क्योंकि इसके कारण भी आँखे फड़कने
की समस्या होने लगती है |
पोषक तत्वों की कमी होने से :
शरीर में मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों की कमी
होने से पलकों में ऐंठन होने लगती है | इसी कारण कई बार आँख फड़कने की समस्या होने
लगती है | इस समस्या को दूर करने के लिए अपने आहार में नियमित रूप से भरपूर मात्रा
में मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करके लाभ लेना चाहिए |
हालाँकि कई बार मान्यताओं के आधार पर भी आँख का
फड़कना सही और गलत हो सकता है लेकिन ये हर बार ठीक हो ऐसा कहा नहीं जा सकता है |
ऊपर दिए गए उपायों के आधार पर कहा जा सकता है कि आँखों में जब कोई परेशानी होती है
तभी ये फड़कने लगती है | इसलिए हमें अपनी आँखों की देखभाल सही ढंग से करनी चाहिए और
इनमे कोई भी समस्या होने पर तुरंत उपचार शुरू कर देना चाहिए |
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