सुखासन करे मानसिक विकारो को दूर | Sukhasan ke Laabh in Hindi


इस आसन की मुद्रा या विधि सबसे सरल है| इस आसन का फायदा सभी प्रकार के लोग उठा सकता है| यह आसन शुरुआती अवस्था का आसन है और इसका अभ्यास ज्यादातर लोग करते है|

सुखासन करे मानसिक विकारो को दूर | Sukhasan ke Laabh in Hindi


विधि :

आसन के लिए समतल भूमि का चुनाव करके उस पर चटाई या कम्बल बिछा ले और बैठ जाएँ| उसके बाद अपने दोनों पैरों को आगे की तरफ फैला दें| अपने एक हाथ से पैर के पंजे को पकड़ कर दूसरे पैर की जंघा के नीचे ले जाएँ, इसी तरह दूसरे पैर को भी इसी अवस्था में रख लें| अब अपने दोनों हथेलियों को घुटनों पर रखे जिससे की कोहनियों को आराम मिल सके| सामान्य तरीके से साँस लेते रहें| कमर, गर्दन और सिर को सीधा रखें, सीने को बाहर की तरफ रखें और पेट को अन्दर को तरफ सिकोड़ कर रखें| इसके बाद संसार की सभी चिंताओं को छोड़कर ऑंखें बंद कर दे और ध्यान लगा दे| अगर थकान महसूस होने लगे तो पैरों की स्थिति को बदल लें| आसन की इस मुद्रा में लम्बे समय तक बैठा जा सकता है लेकिन शुरू में 10 या 12 मिनट अभ्यास करना ही फायदेमंद होता है| सुविधा के अनुसार ही आसन की समयावधि बढाई जा सकती है|

सुखासन के लाभ :

सुखासन का अभ्यास करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त किये जा सकते है :
1.      सुखासन से तन और मन की थकान मिटा कर मानसिक विकारो को दूर किया जा सकता है|
2.      इसके अभ्यास से गर्दन, कन्धों और पैरों के दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है|
3.      इससे कमर व् टांगो को मजबूत बनाया जा सकता है|
4.      पाचन शक्ति बढ़ाई जा सकती है |
5.      इस आसन को करने से रक्त संचार प्रक्रियां नियंत्रण में रहती है|

6.      शरीर के निचले भागों के जोड़ों को कार्यशील रखने में मदद करता है और उनमे लचीलापन बनता है जिसके कारण उनमे रोग से लड़ने की शक्ति उत्पन्न होती  है|  

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