सुप्तवज्रासन बढ़ाए स्त्रियों की गर्भधारण करने की क्षमता | Suptavajrasana Ke Laabh In Hindi | Suptavajrasana Mudra Health Benefits



सुप्तवज्रासन

Suptavajrasana Ke Laabh In Hindi | Suptavajrasana  Mudra  Health Benefits

विधि :

समतल भूमि पर बैठकर अपनी टांगों को मोड़ लें| दोनों पैरों के बीच की दूरी लगभग एक फुट होनी चाहिए| इसके बाद पीछे की तरफ लेट जाएं और पीठ को भूमि से अपनी क्षमता अनुसार उठाकर मोड़ लें| दोनों हाथों को टांगों पर रख दें और नजरों को सिर के नजदीक ही रखें| इस अवस्था में कुछ समय तक ऐसे ही रहें| बाद में सामान्य अवस्था में आने के लिए  धीरे से गर्दन को सीधी करके बैठ जाएँ| इसके बाद टांगों को भी सीधी करके शरीर को ढीला छोड़ दें|

सुप्तवज्रासन  के लाभ :

1.      इस आसन से शरीर की शारीरिक और मानसिक थकान दूर हो जाती है|
2.      सुप्तवज्रासन से  टांगों को मजबूती मिलती है|
3.      सुप्तवज्रासन से रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाया जा सकता है और मजबूती भी प्रदान की जा सकती है|
4.      बवासीर के रोग को भी ठीक किया जा सकता है| पेट को हल्का करने और छाती को चौड़ा करने के लिए फायदेमंद है|
5.      सुप्तवज्रासन गले के बिमारियों को दूर किया जा सकता है|
6.      इस आसन से आँखों की रोशनी बढ़ाई जा सकती है|
7.      सुप्तवज्रासन से कमर के दर्द को दूर किया जा सकता है|
8.      पेट, छाती, गर्दन व जंघाओं के रोगों से बचाव किया जा सकता है|
9.      इस आसन का नियमित रूप से अभ्यास करने से दमे की बीमारी भी ठीक की जा सकती है|
10.  इससे पाचन क्रिया की शक्ति बढ़ाई जा सकती है|
11.  इस आसन से युवावस्था को लम्बे समय तक बरक़रार किया जा सकता है|
12.  सुप्तवज्रासन स्त्री और पुरुषों के गुप्तांगों को शक्ति प्रदान करता है|
13.  अगर नाभि मूल स्थान से हट गयी है तो उसे भी ठीक किया जा सकता है|
14.  स्त्रियों को यह आसन बहुत ही लाभ देता है क्योंकि इस आसन के करने से बच्चेदानी अपने निश्चित स्थान पर आ जाती है और गर्भधारण करने की क्षमता बढ जाती है|

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