आपके शारीरिक भाव आपके बारे में बहुत सी ऐसी
जानकारी देते है जो फायदेमंद भी होती है और नुकसानदायक भी| घर या बाहर कही भी आपके
शारीरिक भाव को लोगों की नजरें देखती है और उन्हें इसी तरह से आपके स्वभाव के बारे
में पता लग जाता है| आपके व्यक्तित्व की पहचान कराने में भी शारीरिक भाव बहुत महत्वपूर्ण भूमिका
निभाते है| इसलिए लोगों को
प्रभावित करने के लिए बॉडी लैंग्वेज बहुत अच्छी होनी चाहिए| आज हम आपको अपनी बॉडी
लैंग्वेज में सुधार करने के तरीके बता रहें है जिनका अनुसरण करके आप भी धनी
व्यक्तित्व के स्वामी बन सकते है|
बॉडी लैंग्वेज :
जो भाव आपके चेहरे या उठने बैठने के तरीकों से
निकलते है यह भाषा उनको दर्शाती है| किसी से बातचीत के दौरान शब्दों के साथ अपनी
शारीरक भाषा से भी दूसरे व्यक्ति को प्रभावित किया जा सकता है| विशेषज्ञों के अनुसार लोग
आपकी बातों से ज्यादा आपके शारीरिक अंदाज पर ज्यादा ध्यान देते है| सामान्य बातचीत के दौरान
सामने वाला व्यक्ति जब यह कहता है कि मैं ठीक हूँ या मुझे कोई समस्या नहीं है तो
उसके शारीरिक हाव भाव से ही उनके बारे में पता लग जाता है कि वह सही कह रहा है या
गलत| व्यक्ति की शारीरिक
भाषा में क्षेत्र, देश और वर्ग के अनुसार भिन्नता होती है और जो वो कहना चाहते है
उस विषय बारे में बताती है| जब बच्चा पैदा होता है तब उसकी माँ उसकी बॉडी लैंग्वेज से उसकी जरुरत को समझ
जाती है| इन्सान बॉडी
लैंग्वेज को बचपन से ही सीखता है और जैसे जैसे उम्र बढती जाती है उसमे सुधार होने
लगता है|
कोई आपसे मिलने आये तब आपकी बॉडी लैंग्वेज कैसी
होनी चाहिए :
जब आप अपने किसी मित्र या रिश्तेदार से मिलने
उसके घर जातें है या वो आपके घर आते है तब आपकी शारीरक भाषा ही आपके व्यक्तित्व को
दर्शाती है| खास मौके पर जैसे
शादी का प्रस्ताव लेकर कोई आपसे मिलने आता है तब आपके शारीरक भाव देखकर ही रिश्ते
के लिए सहमत हो जाते है या मना कर देते है|
वेशभूषा :
आपके द्वारा पहनने वाले कपड़े और मेकअप भी
शारीरिक भाषा में सुधार लाने के लिए बहुत प्रभावी होते है| ऑफिस या घर में केवल आरामदायक
कपड़ों को ही पहनना चाहिए ताकि विशेष मौके पर आपके कपड़ों की वजह से परेशानी ना हो| कपड़ों के अनुसार ही चलने
फिरने या उठने बैठने के तरीकों में भी सुधार करना चाहिए क्योंकि अक्सर लोग आपके
इन्ही तरीकों से आपके व्यक्तित्व की परख कर लेते है|
आँखें भी बहुत कुछ बयाँ करती है :
आँखों को व्यक्ति की दूसरी जुबान माना जाता है
क्योंकि इशारों से ही आंखें बहुत कुछ कह जाती है| शारीरिक भाषा के लिए आँखों
का बहुत प्रभावशाली ढंग से प्रयोग किया जाना चाहिए| अगर आप इंटरव्यू के लिए या
फिर किसी से रिश्ते के लिए मिलने जा रहें हो तो मिलने वाले व्यक्ति से आँखों में
आंख मिलाकर बात करनी चाहिए| इस तरह से आपके प्रभावशाली व्यक्तित्व की झलक सामने वाले व्यक्ति को दिख जाती
है साथ ही इससे आपके आत्मविश्वास के स्तर में भी वृद्धि होती है|
अन्य प्रक्रियाएं :
घर पर रहते समय भी आपका पहनावा और उठने बैठने का
तरीका घर के सभी सदस्यों को प्रभावित करता है| अगर आपकी क्रियाओं में सुस्ती होती है तो यह
आपके ख़राब मूड का संकेत देता है और अगर आप चुस्ती फुर्ती से काम करते है तो इससे
आपके खुश स्वभाव का पता चल जाता है|
इसलिए किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए
दमदार शारीरिक भाषा होनी चाहिए| अपनी शारीरिक भाषा में सुधार करके आप किसी दूसरे व्यक्ति
की शारीरक भाषा को भी आसानी से समझ सकते है| इस तरह से आप किसी की शारीरिक गतिविधियों से
उसकी मानसिक स्थिति का भी अंदाजा लगा सकते है|
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