जानिए अनार के अनमोल फायदे जो आपको बामारियों से बचाने के अलावा देते है बेहतरीन लाभ | Health Benefits of Pomegranate for Disease Protection


Health Benefits of Pomegranate for Disease Protection

अनार हमारे लिए बहुत ही स्वादिष्ट और फायदेमंद फल है और इसकी सबसे खास बात यह है कि अनार के वृक्ष की सभी चीजें किसी ना किसी काम में लायी जा सकती है इसमें हिमोग्लोबिन से लेकर मांस के ढीलेपन और अन्य रोगों के उपचार के लिए प्रयोग शामिल है| अनार के फायदों को देखते है इसका महत्व और भी बढ़ जाता है इसलिए हमें इसके लाभ और उपयोगों के बारे में विस्तार से जान लेना चाहिए| 

स्तनों का ढीलापन दूर करने के लिए :
अनार के फूल, छिलका ,पत्ते और जड़ व कचे फल को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें तथा इसमें दो गुना मात्रा सिरका तथा चार गुना मात्रा में गुलाब जल मिलाकर रख दें| इसके चार दिन बाद इस मिश्रण को उचित मात्रा में सरसों का तेल मिलाकर धीमी आंच पर गर्म कर लें और पकने के बाद जब केवल तेल बाकी रह जाये तब इसे डिब्बे या बोतल में भर लें| नियमित रूप से इस तेल से स्तनों पर मालिश करके स्तनों का ढीलापन दूर किया जा सकता है| इसके अलावा शरीर की झुर्रियां और मांसपेशियों की कमजोरी को भी ठीक किया जा सकता है| 

मांसपेशियों के ढीलेपन को करे दूर :
अनार के पत्ते लेकर इन्हें बारीक पीस कर लगभग एक किलो रस बना लें तथा इसमें आधा किलो तिल का तेल मिश्रित करके हल्की आंच पर गर्म करें और जब केवल तेल बच जाये तब इस मिश्रण को छानकर एक डब्बे में डाल लें| प्रतिदिन इस तेल को दो या तीन बार मालिश के लिए इस्तेमाल करके मांसपेशियों के ढीलेपन को दूर किया जा सकता है|
इस उपाय के अलावा एक और उपाय का प्रयोग करके लाभ लिया जा सकता है इसके लिए एक किलो अनार फल के छिलके लेकर उन्हें चार किलो पानी में उबाल दें| उबलने के बाद जब केवल एक किलो पानी शेष बच जाये तब इसे आंच से उतार कर ठंडा कर लें| बाद में इसमें 250 ग्राम सरसों का तेल डालकर दोबारा ग्राम कर लें| मांसपेशियों के ढीलेपन को दूर करने के लिए इस मिश्रण की मालिश करके अत्यधिक लाभ लिया जा सकता है साथ ही चेहरे की झुर्रियों को भी दूर करके चेहरे पर निखार लाया जा सकता है| 

खांसी की समस्या के दौरान लाभ :
खांसी की समस्या को दूर करने के लिए अनार को बहुत ही लाभदायक औषधि माना जाता है| इसके लिए सुखा अनारदाना 100 ग्राम , कालीमिर्च, पीपल, तेजपात, इलायची, सोंठ सभी 50 – 50 ग्राम मात्रा में लेकर बारीक पीसकर चूर्ण बना लें| अब चूर्ण में समान मात्रा में चीनी मिलाकर इसे नियमित रूप से दिन में दो बार 2 – 3 ग्राम शहद के साथ सेवन करके खांसी की समस्या को दूर करने के साथ साथ श्वास, ह्रदय और पीनस के रोगों से बचाव किया जा सकता है| इसके अलावा पाचन शक्ति में वृद्धि करने के लिए भी इसका सेवन बहुत लाभदायक रहता है|

एक अन्य कारगर उपाय का प्रयोग करके भी इस समस्या से बचने के लिए लाभ उठाया जा सकता है| 40 ग्राम मात्रा में अनार का छिलका, 6 ग्राम पीपल, 6 ग्राम जवाखार और 80 ग्राम गुड़ की चासनी ले तथा सभी का मिश्रण करके इनका बारीक चूर्ण तैयार करके लगभग आधा ग्राम की गोलियां बना लें| नियमित रूप से दो गोलियां दिन में तीन बार गुनगुने पानी के साथ सेवन करके अधिक से अधिक फायदा लिया जा सकता है| अगर पानी में कालीमिर्च भी मिला ली जाये जो विशेष रूप से लाभ मिलता है| 

अनार के छिलकों को बारीक पीसकर चूर्ण बना लें और इसकी एक चम्मच मात्रा का सेवन कुछ दिनों तक करके खांसी की समस्या से निजात पाई जा सकती है|
10 ग्राम सेंधा नमक और 80 ग्राम अनार का छिलका को मिलाकर बारीक पीस लें तथा इसमें पानी मिलाकर गोलियां बना लें| इन गोलियों को दिन में तीन बार चूसने के लिए प्रयोग करके खांसी ठीक की जा सकती है|

गर्भपात होने से बचाव :
20 ग्राम ताजे अनार के पत्तों को 100 ग्राम पानी मिलाकर पीस लें और पानी को छानकर सेवन करने से गर्भपात की समस्या से बचाव किया जा सकता है  तथा पत्तों को पीसकर लेप बना लें और इसे नाभि पर लगाने से गर्भपात या गर्भस्त्राव के संकट को टाला जा सकता है|
अगर गर्भवती को दिल की कमजोरी महसूस होने लगे तो मीठे अनार के दानो का सेवन करने से गर्भपात के खतरे से बचाव किया जा सकता है| ताजे अनार की 1 – 2 कली को पीसकर पीने से गर्भधारण करने की शक्ति बढ़ाई जा सकती है और प्रदर रोग से भी सुरक्षा की जा सकती है|
5 या 6 महीने के दौरान गर्भ अस्थिर होने की सम्भावना हो तो अनार के ताजे पत्तों को पीसकर तथा चंदन को घिसकर इनको दही और शहद के साथ मिलाकर मिश्रण बना लें और इस मिश्रण का सेवन करके इस समस्या के दौरान लाभ लिया जा सकता है|

गर्भाशय बाहर आने के दौरान :
अनार का प्रयोग करके गर्भाशय बाहर आने की समस्या होने के दौरान उपचार किया जा सकता है| इसके लिए अनार के पत्तों को छाँव में सुखाकर चूर्ण बना लें| सुबह शाम ताजे पानी के साथ 6 ग्राम चूर्ण का सेवन करके फायदा लिया जा सकता है|

खूनी दस्त लगने पर :
कडवे इन्द्रजौ 20 ग्राम और अनार की छाल समान मात्रा में लेकर बारीक कूट लें और इन्हें 640 मिली| पानी में डालकर उबाल लें और जब एक चौथाई पानी शेष बच जाये तब इसे आंच से उतार कर दिन में तीन बार सेवन करने से राहत मिलती है| अगर पेट में ऐठन की समस्या हो तो इस मिश्रण के साथ 30 मिली| अफीम मिलाकर लेने से लाभ मिलता है|
अनारदाना, सौंफ और धनिये को बारीक पीसकर इसके साथ मिश्री मिलाकर मिश्रण बना लें| नियमित रूप से इस मिश्रण की 3 ग्राम मात्रा का सेवन दिन में 3 – 4 बार करने से खूनी दस्त की समस्या से बचाव किया जा सकता है|

खूनी उल्टी की समस्या से निजात :
एक ग्राम अनार के पत्तों को कूट कर लगभग इनका एक चौथाई रस दिन में दो बार पीने से , रक्तवमन, रक्तातिसार, रक्तप्रमेह, सोमरोग, बेहोशी और लू लगने आदि समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है|

हैजे से बचाव :
6 ग्राम अनार के पत्तों को 20 ग्राम पानी में पीसकर पानी को छान लें| इसके बाद पानी में 20 ग्राम चीनी का शरबत मिला लें और एक एक घंटे के अंतराल पर इस मिश्रण का सेवन करने से हैजे की रोकथाम की जा सकती है|
हैजे की समस्या को दूर करने के लिए 10 – 15 मिली| खट्टे अनार का रस सेवन करके लाभ प्राप्त किया जा सकता है|

शरीर को बलशाली बनाने में लाभकारी :

अनार के सेवन से रक्त में वृद्धि होने के साथ साथ त्वचा में भी चिकनापन आता है और रक्त संचार भी तीव्र गति से होने लगता है| अनार के रस का सेवन करने से अनेको रोग दूर होने के कारण शरीर शक्तिशाली और बलवर्धक बनता है| अनार का नियमित रूप से सेवन करने से हृदय की जलन, बेचैनी, उल्टी, जी मिचलना हिचकी, घबराहट और प्यास आदि समस्याएं दूर होती है| अनार के रस का सेवन करने से खून साफ होने के साथ साथ संचार तेज गति से करने लगता है जिसके कारण शरीर की शक्ति में वृद्धि होती है| लगातार अनार का सेवन करने से हिमोग्लोबिन बढ़ाया जा सकता है|

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