आजकल की भागदौड़ में क्यों छूट जाते है दोस्त | aajkal ki bhagdaud me kyon choot jate hai dost



जैसे जैसे आदमी की उम्र बढ़ती है उसी तरह मनुष्य अपने ज्यादातर काम अपने आप ही करने लगता है | उम्र बढ़ने के साथ साथ उसे नौकरी, व्यवसाय और पैसे कमाने व अन्य तरीके पता करने के साथ साथ परिवार की जिम्मेदारियों का अहसास होने लगता है | जिंदगी इतनी तेजी से आगे बढ़ती है कि कुछ चीजे इस तरह से पीछे छूट जाती है जैसे हमारी जिंदगी में कभी आई ही ना हो |

bachpan ke dost


पीछे छूटी उन खास चीजों में से बचपन के दोस्त जो अक्सर छूट जाते है, अनमोल होते है | आज हम आपको उन कारणों के बारे में बताएँगे जिनकी वजह से हमारे प्यारे दोस्त हमसे दूर हो जाते है | आइये जानते है कि ऐसा क्या होता है हमारी जिंदगी में जो हम कभी अपने दोस्तों के लिए भी समय नहीं निकाल पाते है | ऐसे कुछ कारण आपके सामने इस प्रकार से है :

व्यस्त जिंदगी के कारण प्राथमिकताओं में बदलाव :

बचपन से जैसे जैसे हम बड़े होकर युवावस्था में प्रवेश करते है तो कोई भी काम ज्यादा समय और सोच विचार करने के बाद किया जाता है | इतने सारे काम एक बार होने के कारण बचपन के दोस्तों के लिए समय कम होने लगता है | उम्र बढ़ने और समय बीतने के साथ साथ दोस्तों के लिए समय निकालना बड़ी मुश्किल बात होने लगती है | जब काफी समय निकाल जाता है और दोस्तों से मिले हुए कई साल हो जाते है तब हमें बचपन के उन दोस्तों की याद आने लगती है जिनके साथ हम अपनी जिंदगी के सबसे खुशी के पल बिताते थे |

लेकिन वर्तमान के समय में इतने व्यस्त जीवन में सभी अपने कामो में लगे रहते है उनकी दोस्ती केवल उनकी यादों में ही बची रहती है | यही कारण है कि ना चाहते हुए भी जी जान से प्यारे दोस्त छूट जाते है |

प्रयासों की कमी के कारण :

दोस्त बहुत आसानी से बन जाते है लेकिन दोस्ती निभाने में थोड़ी परेशानी जरुर होती है | स्कूल या कॉलेज लाइफ में दोस्तों के साथ घूमना फिरना या मौज मस्ती करना बहुत आसान लगता है लेकिन इसके बाद की जिंदगी में व्यस्तता और काम का दबाव होने के कारण ये आसान लगने वाली बातें असंभव होने लगती है | पहले बिना किसी प्रयास के दोस्तों से मिलना हो जाता है लेकिन बाद में इसके लिए कुछ प्रयास करने पड़ते है | जब इन प्रयासों में कमी आने लगती है तब आपके दोस्त कहीं पीछे छूटने लगते है |

कुछ चीजों को पाना आसान होता है लेकिन दोस्तों को दोबारा पाना इतना आसान नहीं होता है | इसलिए हम इसके लिए ज्यादा महनत और प्रयास नहीं करते है और दोस्ती को इगनोर करके कामयाबी की तरफ आसानी से कदम बढ़ा देते है |

प्यार में पड़ने के कारण :

कभी कभी हमें प्यार में दोस्ती से ज्यादा मजा आने लगता है | एक समय हम प्यार के लिए घर परिवार और दोस्त सभी को छोड़ने के लिए तैयार रहते है | इसलिए कभी किसी से प्यार होने या रिलेशनशिप में पड़ने पर दोस्ती कही गुम होने लगती है | प्यार में पड़ने पर केवल प्यार के लिए ही समय दिया जाता है बाकी चीजें छूटने लगती है |

दोस्तों की याद हमें अक्सर तब आती है जब लड़की से ब्रेकअप हो जाये और समय गुजरने में परेशानी होने लगे | लेकिन जब हमें उन दोस्तों की जरूरत होती है तो वे कहीं और बिजी रहते है | इसी वजह से दोस्ती में थोड़ा अंतर सा बनने लगता है जो धीरे धीरे बढ़ता ही जाता है |

अकेले रहकर जीने की सोच होने से :

जिंदगी हमें अनेकों रंग दिखाती है और इसी तरह से जिंदगी में कई बार ऐसा समय आ जाता है जब आपको अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी लड़ाई अकेले ही लड़नी पड़ती है | इसके लिए आप अपने दोस्तों को परेशान करने की नहीं सोचते है | कई बार बुरी स्थिति होने पर दोस्तों को इसके बारे में बताने पर उनके बीच व्यक्ति मजाक बनकर रह जाता है |

इस स्थिति से बचने के लिए वह खुद ही अपनी जिंदगी को संघर्षपूर्ण जीने में लगा रहता है| पौराणिक कथाओं के अनुसार बुरे समय में व्यक्ति को कुछ समय के लिए एकांत का सहारा लेना चाहिए | कुछ दोस्तों की सोच नकारात्मक होती है इसलिए उनसे मिलने पर उसी तरह के विचार मन में आने लगते है | इनसे बचने के लिए भी ऐसे दोस्तों से दूर रहा जाता है |  










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