गुर्दे की पथरी की समस्या के दौरान रखे इन चीजों से परहेज | gurde ki pathri ki samsya ke dauran rakhe in chijo se parhej


गुर्दे की पथरी होने की समस्या , गुर्दों में अनेक पदार्थों (कैल्शियम, सोडियम) के जमा होने के कारण होती है और इसके कारण किडनी में छोटे छोटे पत्थर बनने लगते है| कभी कभी तो ये छोटे पत्थर दवाओं के साथ ही बाहर निकल जाते है लेकिन कही कभी इनका आकर बढ़ जाने के कारण इन्हें शरीर से बाहर निकालने के लिए सर्जरी का सहारा लेना पड़ता है|

अगर कोई व्यक्ति पहले इस समस्या की चपेट में आ चुका है तो उसे खान पान सम्बन्धी कुछ चीजो का ध्यान रखना चाहिए ताकि उन्हें दोबारा इस तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े| इसके अलावा सामान्य व्यक्तियों को भी इस समस्या से बचाव करने के लिए अपने खानपान को संतुलित और नियंत्रित करना चाहिए|

gurde ki pathri

सबसे पहले हमें उन बातों को ध्यान में रखना चाहिए जिनके कारण किडनी में स्टोन बनते है| इन्ही चीजो को ध्यान रखकर ही उचित खाना लेना चाहिए| किडनी में स्टोन बनने का कारण कैल्शियम, ऑक्सेलेट, फॉस्फेट और कभी-कभी यूरिक एसिड भी हो सकते है|

हम नियमित रूप से जो आहार लेते है उसमे ये तीनो तत्व विद्यमान रहते है लेकिन अगर खाने के साथ साथ हम दिनभर में उचित मात्रा में पानी या अन्य तरल पीते रहेंगे तो उसके साथ मिलकर अनावश्यक तत्व स्वयं ही बाहर निकल जाते है तथा किडनी मे इनके जमा ना होने से किडनी भी साफ रहेगी|

इसके अलावा पथरी का आकार छोटा होता है तो कभी कभी यूरिन के रास्ते पेशाब के साथ मिलकर आसानी से बाहर आ जाती है| अगर पथरी की समस्या के दौरान आपके द्वारा ज्यादा मात्रा में स्टोन बनाने वाले पदार्थों का सेवन किया जाता है और दिनभर में उचित पानी की मात्रा का सेवन भी नहीं किया जाता तो इससे आपको बहुत ज्यादा परेशानी होने की संभावना बन सकती है|

किडनी स्टोन की समस्या से परेशान होने वाले व्यक्तियों को अत्यधिक मात्रा में तरल पदार्थो का सेवन करने के साथ अन्य दूसरे पदार्थ भी उचित मात्रा में लेकर लाभ लेना चाहिए| आपको यहाँ कुछ पदार्थों के बारे में बताया जा रहा है जिनका सेवन तथा परहेज करके आप पथरी की समस्या के दौरान राहत ले सकते है उनमे से कुछ पदार्थ इस प्रकार है|

इस समस्या के दौरान भिन्डी , पालक , टमाटर , बैंगन , चावल , उड़द , गोभी , हरी प्याज , सूखे मेवे , चॉकलेट , चाय , एल्कोहल , पशुओं से मिलने वाले प्रोटीन जैसे मांस, मछली और अंडे आदि के सेवन से परहेज रखना चाहिए| इसके अलावा हानिकारक तरल जैसे पेप्सी या केमिकल वाले तरल पदार्थों के सेवन से दूर ही रहना चाहिए| इसके अलावा दूध और दूध से बनी हुई चीजो के सेवन से भी पथरी होने की संभावना हो सकती है इसलिए इनका सेवन भी कम ही करना चाहिए|

यूरिक एसिड बनाने वाले पदार्थ :

इन आहारों में मांस, स्वीट ब्रेड, टूना मछलियाँ, मैकेरल, हेडेक, ट्राउट और सभी प्रकार के सी फूड्स होते है जो यूरिक एसिड के बनने का कारण हो सकते है|

सोडियम बनाने वाले आहार :
सलाद पर की जाने वाली ड्रैसिंग (सॉस, सोया सॉस) , मांस, मछली, नमक, दही और सी फूड (केकड़ा) आदि के सेवन से भी दूर रहना ही फायदेमंद साबित होता है|

ऑक्सेलेट बनाने वाले आहार : भिन्डी, पालक, चकुंदर, बादाम, काजू, मूंगफली, सोयायुक्त चीजे और हरी प्याज आदि चीजे ऑक्सेलेट बनाने वाले आहार में गिनी जाती है|

कैल्शियम का निर्माण करने वाले पदार्थ :
दूध, और दूध से बने पदार्थ तथा सोया से बने पेय पदार्थ के सेवन से कैल्शियम की मात्रा में वृद्धि होती है |

फॉस्फेट युक्त आहार :
मांस , अंडा , ब्रेड , पास्ता और मक्खन आदि पदार्थ फास्फेट युक्त पदार्थ होते है|

हमें ऊपर दिए गए पदार्थों का सेवन बहुत कम मात्रा में करना चाहिए तभी किडनी की समस्या से बचाव या इसकी रोकथाम के लिए उपचार किया सकता है








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