एड्स जैसे जानलेवा
रोग का अंतिम चरण एच आई वी संक्रमण होता है| यह संक्रमण जब पूर्ण रूप से विकसित
होता प्रभावी होता है तब यह एड्स रोग (ऐक्वायर्ड इम्यून डेफिशियेंसी सिंड्रोम) का
रूप धारण कर लेता है| इस दौरान हमारे शरीर में CD4 T-सेल्स की संख्या घटने लगती है और लगभग
200 से भी कम रह जाती है|
ऐसे
समय में पीड़ित व्यक्ति को कपोसी सारकोमा (एक प्रकार का त्वचा का कैंसर) या
निमोसिस्टिस निमोनिया (फेफड़े की बिमारी) जैसी बिमारी के दौरान होने वाली समस्याओं
का सामना करना पड़ता है| इस समस्या से निपटने के लिए व्यक्ति कोई कई दवाओं का मिश्रण करके
सेवन कराया जाना चाहिए जिससे उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती मिलती है| लेकिन इन दवाओं से नुकसान होने की
सम्भावना भी हो सकती है क्योंकि एक तो ये दवाएं महंगी होती है और इनके दुष्प्रभाव
भी बहुत होते है| इनको डॉक्टर की सलाह लिए बगैर बंद भी नहीं किया जा सकता है| इसके अलावा व्यक्ति इन दवाओं को अपनी
मर्जी से भी नहीं ले सकता और इन्हें लेने के लिए लिए भी डॉक्टर से अनुमति लेनी
पड़ती है|
जिन लोगो में CD4
काउंट में कमी होने लगती है उन्हें उस समय संक्रमण से बचाने के लिए दवाएं दी जाती
है और इन दवाओं का इस्तेमाल CD4 काउंट बढ़ने तक बंद नहीं किया जा सकता है|
एड्स
एक जानलेवा बीमारी होती है जिसके कारण शरीर को अनेक बीमारियाँ लग जाती है लेकिन ज्यादातर
लोगों को एच|आई|वी के संक्रमण की खबर नहीं लगती कि
उन्हें एच|आई|वी का संक्रमण हो चुका है| हालांकि संक्रमण के लक्षणों की पहचान
करके पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति एच आई वी से ग्रस्त हो चुका है| आइये जानते है उन लक्षणों को जो किसी एच आई वी के संक्रमण के हो सकते है :
1. ज्यादा समय तक शरीर में थकान महसूस
होने के साथ शरीर टूटा टूटा सा रहना|
2. गर्दन या कमर की लसीकापर्व (lymph
nodes) में
सूजन होने लगना|
3. लगभग 2 हफ्ते से ज्यादा समय तक बुखार
रहना |
4. रात के समय अधिक पसीना आना|
5. बिना कोई परेशानी महसूस हुए वजन में
कमी आना |
6. साँस लेने में तकलीफ होना|
7. त्वचा के ऊपर ना मिटने वाले या ना ठीक
होने वाले बेंगनी रंग के निशान / धब्बे हो जाना |
8. दस्तों की समस्या ज्यादा समय तक और
परेशानी देने वाली होना|
9. मुंह, गले और योनी में खमीर संक्रमण
होना|
10. हल्की चोट लगने से या बिना किसी कारण के
रक्तस्त्राव होने लगना|
ऊपर
दिए गए लक्षणों से पता लगाया जा सकता है कि आपको एच आई वी संक्रमण है या नहीं| अगर इस तरह के लक्षण किसी व्यक्ति के
अन्दर दिखाई देते है तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इलाज शुरू कर देना चाहिए| इसलिए इससे केवल इलाज से छुटकारा पाया
जा सकता है|
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