भारत देश में ज्यादातर महिलाएं शादी के बाद
पैरों में पायल पहनने लगती है और यह प्रथा सदियों से चली आ रही है | घर के बुजुर्ग
इस बात को आदर सम्मान से जोड़ते है लेकिन पायल पहनने से महिलाओं को कई प्रकार के
स्वास्थ्यवर्धक लाभ भी होते है |
आज हम आपको पैरों में पायल पहनने के
स्वास्थ्यवर्धक लाभों के बारे में बताने जा रहे है जो महिलाओं को स्वस्थ रखने के
लिए जरूरी होते है | आइये जानते है इस विषय से जुड़ी बातों को जो आपके सामने इस
प्रकार से है :
पैरों को सुन्दर बनाने के लिए :
पैरों में पायल पहनने से महिलाओं के पैरों की
सुन्दरता पहले से ज्यादा बढ़ जाती है | जब कोई महिला पायल पहन कर चलती है तो छन छन
की आवाज किसी का भी मन मोह लेती है | महिलाएं इस तरह से किसी भी पुरुष को आकर्षित
कर सकती है | इसी वजह से ज्यादातर महिलाएं पैरों में पायल पहनती है |
पुरुषों को सतर्क करने के लिए :
पहले के समय में प्रत्येक घर की महिला पैरों
में पायल पहनती थी जिसकी खनक से पुरुषों को उनके घर में होने या बाहर से उनके आने
का पता चल जाता है | ऐसी आवाज सुनने पर पुरुष सावधान और सतर्क हो जाते थे ताकि
किसी तरह की असहज स्थिति से बच सकें | अगर कोई पुरुष किसी गलत स्थिति में होता था
तो इससे उसे व्यवस्थित करने के समय मिल जाता था | इसी कारण पहले के जमाने में सभी
महिलाओं के लिए पैरों में पायल पहनना अनिवार्य था |
स्वास्थ्यवर्धक लाभ :
पैरों में पायल पहनकर महिलाएं पुरानी परम्पराओं
को निभाने के साथ साथ अनेक स्वास्थ्यवर्धक लाभ भी प्राप्त करती है | हालाँकि
महिलाओं को इस तरह के लाभ केवल सोने या चांदी की धातु से बनी पायल ही पहननी चाहिए
| पैरों में पहनने के बाद पायल हमेशा पैरों को रगड़ती रहती है और इसी वजह से धातु
के तत्व शरीर की त्वचा के सम्पर्क में आकर शरीर में प्रवेश कर जाते है | इससे शरीर
की हड्डियों को शक्ति और मजबूती मिलती है | इसी फायदे के लिए महिलाओं को पायल
पहननी चाहिए |
आयुर्वेद के अनुसार कई तरह की गुणकारी दवाएं
बनाने के लिए सोने चांदी धातुओं के भस्म का प्रयोग किया जाता है | जिस तरह से
धातुओं की भस्म का फायदा शरीर को मिलता है उसी तरह से पायल पहनकर भी फायदा लिया जा
सकता है |
शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए :
महिलाएं पैरों में केवल चांदी की पायल ही पहनती
है क्योंकि सोने की धातु को पूजनीय माना जाता है इसी कारण इसे पैरों में नहीं पहना
जा सकता है | हालाँकि इस विषय पर वैज्ञानिकों ने भी अपने मत दिए है जिनके अनुसार
सोने की धातु का प्रभाव गर्म होती है जबकि चांदी की तासीर ठंडी मानी जाती है |
आयुर्वेद के अनुसार मनुष्य के सिर का तापमान
ठंडा तथा पैर गर्म होने चाहिए | इसी वजह से शरीर के उपरी हिस्से में सोने की
धातुएं पहनी जाती है और पैरों में चांदी की धातुएं पहनी जाती है जिसके कारण सिर
में उत्पन्न उर्जा पैरों में चली जाती है और पैरों की उर्जा सिर को मिल जाती है |
इस तरह से शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में आसानी रहती है |
अगर महिलाएं पैरों में भी सोने की धातु के बने
पायल पहनने लग जाए तो सिर और पैर दोनों का तापमान गर्म हो जाता है जो किसी के लिए
भी नुकसानदायक हो सकता है | इसी वजह से पैरों में सोने की धातुएं नहीं पहनी जाती
है |
नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव से बचाने के लिए
:
पायल पहनने से महिला तथा उस घर पर जिसमे वो
रहती है वहां पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव कम हो जाता है तथा दैवीय शक्तियाँ
भी बढ़ने लगती है | इसलिए ज्यादातर महिलाएं हमेशा पैरों में पायल पहनती है |
इस तरह से कहा जा सकता है कि पैरों में पायल
पहनने से महिलाओं की सुन्दरता बढ़ने के साथ साथ उन्हें स्वास्थ्यवर्धक लाभ भी मिलते
है जो उन्हें कई प्रकार की समस्याओं से भी बचाने में लाभदायक होते है | इसलिए
महिलाओं को इस तरह के लाभ लेने चाहियें |
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