किचन में वास्तु शास्त्र का ध्यान रखें और पाए अच्छी सेहत और स्वास्थ्य |



अगर आप जीवन में सभी काम ठीक करते है और फिर भी आपको सफलता नहीं मिलती या फिर आपको काम करने के साथ साथ घर में भी कई तरह की समस्याएँ होने लगती है तो इसके पीछे वास्तु दोष हो सकते है |

kichan


वास्तु दोष होने के कारण व्यक्ति किसी भी समय बिना किसी कारण के परेशान रहता है साथ ही उसका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है | घर में कभी सुख शांति नहीं रहती है और आप जिस काम में हाथ डालते है उसी में नुकसान होने लगता है तो आप कुछ उपायों द्वारा इन सभी समस्याओं को दूर कर सकते है | इन उपायों का प्रयोग करने से व्यक्ति को वास्तु दोष से छुटकारा मिल जाता है और उसके जीवन में खुशियों की बहार आ जाती है |

आज हम आपको इस लेख के माध्यम से किचन सम्बन्धी वास्तु टिप्स बताने जा रहे है जिससे आपके घर की संभी समस्याएँ दूर होने के साथ साथ आप हर सुख सुविधा से संपन्न हो सकते है साथ ही आपका स्वास्थ्य भी पहले से ज्यादा बढ़िया हो सकता है | आइये जानते है किचन सम्बन्धी वास्तु शास्त्र से जुड़ी कुछ खास बातें जो आपके सामने इस तरह से है :

खाना पकाने की दिशा का ध्यान रखें :  

वास्तु शास्त्र के अनुसार खाना पकाने की दिशा कभी भी पश्चिम और उत्तर दिशा में नहीं होनी चाहिये | पश्चिम दिशा में मुंह करके खाना पकाने से त्वचा और जोड़ों के दर्द सम्बन्धी समस्या होने की संभावना बन सकती है | इसके अलावा उत्तर दिशा में मुंह करके खाना पकाने से पैसों सम्बन्धी नुकसान होने के साथ साथ पैसों की तंगी हो सकती है |

उत्तर दिशा कुबेर की दिशा होती है और उस तरफ मुंह करके खाना बनाने या रसोई घर में जलने वाली आग उस दिशा में होने से धन में आग लगने लगती है जिसकी वजह से व्यक्ति को लम्बे समय तक आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है |

पूर्व दिशा की तरफ चूल्हे को रखना चाहिए :

वास्तु शास्त्र के अनुसार खाना बनाने के लिए सबसे अच्छी दिशा पूर्व दिशा को माना गया है क्योंकि पूर्व दिशा से सकारात्मक उर्जा की प्राप्ति होती है जो खाने में मिलकर व्यक्ति को समृद्ध कर देती है |

वैज्ञानिक कारणों से भी पूर्व दिशा की तरफ चूल्हे को रखना फायदेमंद साबित होता है क्योंकि इस तरफ से सूर्य निकलता है | सूर्य की सबसे पहली किरणें जब रसोई में पड़ती है तो किचन में जमे हानिकारक कीटाणु खत्म हो जाते है | इसलिए वास्तु शास्त्र और वैज्ञानिक कारणों के आधार पर पूर्व दिशा खाना बनाने की सर्वश्रेष्ठ दिशा होती है |

गाय के लिए रोटी बनायें :

मनुष्य को अपना खाना बनाने से पहले गाय के लिए एक रोटी बनानी चाहिए और खुद खाने से पहले गाय को वो रोटी खिलानी चाहिए | इस उपाय से व्यक्ति को पैसे संबंधी लाभ होने लगता है साथ ही घर में सुख शांति में वृद्धि होने लगती है |

वैज्ञानिक कारणों से भी गाय को रोटी खिलाना बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि ज्यादातर व्यक्ति अपने बच्चों को ही गाय को रोटी खिलाने के लिए भेजते है जिसके कारण बच्चों में संवेदनशीलता आने लगती है | इसी वजह से बच्चे जानवरों के साथ साथ अपने परिवार के सदस्यों के प्रति भी दया भाव और आदर सम्मान की भावना रखते है |

नहाने से पहले किचन में प्रवेश ना करें :

बिना नहाये किचन में प्रवेश करना व्यक्ति के लिए अशुभ माना जाता है इसलिए कभी भी ऐसा करने से परहेज रखना चाहिए | वास्तु शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को नहाने के बाद पूजा पाठ करके तथा भगवान को भोग लगाने के बाद ही स्वयं खाना खाना चाहिए |

वैज्ञानिक आधार भी इस बात को नहीं मानता है क्योंकि नहाये बिना किसी चीज को छूने या खाना खाने से हमारे शरीर के कीटाणु खाने में मिलकर शरीर को अनेक रोगों से ग्रस्त कर देते है | इसलिए नहाने के बाद ही किसी चीज का सेवन करना व्यक्ति की सेहत के लिए फायदेमंद रहता है |

वास्तु शास्त्र के अनुसार ऊपर दिए गए उपायों का प्रयोग करने से किसी भी मनुष्य पर चल रहे वास्तु दोषों को दूर करने में मदद ली जा सकती है जिसके कारण मनुष्य हमेशा सभी समस्याओं को दूर करने में सफल हो सकता है | इन उपायों से मनुष्य को आर्थिक फायदे होने के साथ साथ स्वास्थ्यवर्धक लाभ भी होने लगते है जिसके कारण अनेक रोगों को स्वयं ही नाश होने लगता है |




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