कैसे बेटियों को साहसी, आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनायें |



वर्तमान समय में बढ़ते अपराधों के कारण पेरेंट्स के मन में हमेशा अपनी बेटी को लेकर चिंता रहती है | जब कभी उनकी बेटी किसी काम से बाहर जाती है और उनका दिल धक धक करने लगता है | लेकिन केवल मन में इस बात के प्रति चिंता रखने से कुछ नहीं हो सकता है क्योंकि जब तक आपकी बेटी स्वयं साहसी, आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी नहीं बनती है आप उनके प्रति बढ़ते हुए अपराध को नहीं रोक सकते है |

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यहाँ बात केवल अपराध से बचने की ही नहीं है बल्कि आत्मविश्वास होने के कारण बेटियां सफलता भी पा सकती है | इसलिए माँ बाप को हमेशा बेटी को बेटे से ज्यादा प्राथमिकता देने के साथ साथ उसका हर कदम पर सहयोग देना चाहिए | आपके साथ से ही आपकी बेटी में आत्मविश्वास, साहस और आत्मनिर्भरता का गुण आता है |

आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बेटियों को साहसी, आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाने के तरीकों के बारे में बताने जा रहे है | आइये जानते है इस विषय से संबंधित कुछ खास जानकारी जो आपके सामने इस प्रकार से है :

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जब भी कोई लड़की घर से बाहर निकलती है तो परिवार से सदस्यों द्वारा उसे निर्देश दिए होते है कि वो जहाँ जाए घर पर बता दें | साथ ही उसे अकेले जाने की भी आजादी नहीं होती है | स्कूल से लेकर कॉलेज या फिर किसी अन्य जगह भी लड़की के साथ कोई ना कोई परिवार का सदस्य या कोई रिश्तेदार जरुर जाता है | इन सभी कारणों से लड़कियां सुरक्षित नहीं बल्कि कमजोर बनती है और वो बिना किसी के सहारे जिंदगी में कुछ नहीं कर पाती है|

हालाँकि इस बात को गलत नहीं कहा जा सकता है कि लड़की के साथ किसी का जाना ठीक नहीं है लेकिन जब तक लड़की खुद आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी नहीं बनती है आप उसे कब तक सुरक्षित रख सकते है | शादी से पहले ही केवल लड़की की सुरक्षा करना परिवार के सदस्यों की जिम्मेदारी नहीं होती है | अगर आपको उसका साथ जीवन भर देना है और उसे कामयाब करना है तो केवल कुछ साल ही उसका साथ देने या उसके साथ जाने से काम नहीं चलता है |

जब कोई लड़की अकेली जाती है तो कुछ मनचले उसके साथ कोई अश्लील हरकत करते है तो लड़कियां क्यों उनका सामना नहीं कर पाती है | हर बार तो आप उनके साथ नहीं हो सकते है इसलिए उन्हें अकेले में इस समस्या से निपटने के तरीकों के बारे में बताना चाहिए क्योंकि जब लड़की में हिम्मत और साहस जैसे गुण आने लगते है तो इस तरह की समस्या से वे खुद ही निपट लेती है | इसलिए छोटी छोटी चीजों को लेकर आपको अपनी बेटी को कमजोर नहीं बनाना चाहिए और हर समय उसके साथ रहने की बजाय उसमे ऐसे गुण भरने चाहिए जिससे वो आपका सहारा बन सके |

आज के समय में पेरेंट्स को जागरूक होने के साथ साथ अपनी बेटी को भी साहसी और हिम्मत वाली बनाना चाहिए ताकि राह चलते किसी भी छोटी मोटी समस्या को वो खुद ही संभाल सके | जब आपकी लड़की को आपका भरपूर साथ मिलता है तो उसमे आत्मविश्वास बढ़ने लगता है जिसके कारण उसे जिंदगी में अपार सफलता मिलती है | इसके लिए केवल आपको ही शुरुआत करने की जरूरत है बाकि तो समय के साथ साथ सब अपने आप हो जाता है |

बेटियों के लिए आत्मरक्षा के गुण सीखने के तरीके :

केवल बातों से ही लड़कियों को सुरक्षा प्रदान नहीं की जा सकती है इसके लिए उन्हें कुछ गुण भी सीखाने जरूरी होते है | जब तक उनमे इन गुणों का विकास नहीं हो जाता है उनकी सुरक्षा अधूरी रहती है | इसलिए उन्हें आज और अभी से ही आत्मरक्षा करने के गुणों के बारे में जानकारी देनी चाहिए तथा उन विधियों का अभ्यास भी करवाना चाहिए जिससे वे किसी समस्या से .अपना बचाव करने में सफल हो सकें |

वर्तमान समय में लड़कियों के लिए जूडो कराटे सिखाने के लिए कई ट्रेनिंग सेंटर उपलब्ध है जहाँ पर लड़कियों को आत्मरक्षा करने में निपुण किया जाता है | इन केन्द्रों पर लड़कियों को शारीरिक मेहनत करवा कर उन्हें शारीरिक तौर पर भी मजबूती प्रदान की जाती है साथ ही उन्हें लड़कों से अपनी रक्षा करने की आधुनिक तकनीकों के बारे में भी बताया जाता है | 

इन केन्द्रों पर जाने से लड़कियां शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनती है और उन्हें इसके लिए उचित मार्गदर्शन भी दिया जाता है | इस तरह की सुविधा होने पर आप अपनी बेटी को जो चाहे वो सुरक्षा प्रदान कर सकते है साथ ही उसकी कामयाबी की तरफ कदम बढ़ाने में उसकी मदद कर सकते है |

एक्टिव और सजग रहें :

लडकियों और महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिए कुछ उपाय स्वयं भी करने चाहिए और घर से निकलते समय अपने साथ बचाव करने के लिए कोई चीज साथ में ले लेनी चाहिए | इसके लिए लड़कियां अपने साथ तेज़ धारदार चाकू, मिर्ची पाउडर, मिर्ची स्प्रे आदि रख सकती है ताकि परेशानी के समय में इनका प्रयोग करके अपना बचाव किया जा सके |

अक्सर लड़कियों के साथ राह चलते छेड़छाड़ होती है | लड़कियां इस स्थिति में घबरा जाती है जिसके कारण सामने वाले को ज्यादा मौका मिल जाता है और जो वो चाहता खुलकर करता है जिसके लिए कहीं ना कहीं लड़कियां भी जिम्मेदार होती है | लड़कियों को ऐसे समय घबराने की बजाय अपने आत्मरक्षा करनी चाहिए और शरारती तत्वों का डट कर सामना करना चाहिए | अगर लड़की अपनी तरफ से साहस दिखाती है तो लोग उसकी मदद के लिए आ ही जाते है |

जब लड़कियां आत्मरक्षा के लिए ट्रेनिंग लेती है तो उन्हें कुछ चीजों का इस्तेमाल उस समय करने के लिए सिखाया जाता है | समस्या होने पर लड़कियां अपनी सैंडल और पर्स का इस्तेमाल करके अपना बचाव कर सकती है |

लड़कियों को आगे बढ़ने और तरक्की करने के लिए इन उपायों को ध्यान में रखना चाहिए साथ ही उनके परिवार को भी उनका भरपूर साथ देना चाहिए ताकि वे किसी भी समस्या का सामना साहस और हिम्मत के साथ कर सकें | इसके साथ साथ लोगो को भी लड़कियों के प्रति अपनी सोच बदलनी चाहिए क्योंकि जो लोग किसी की बेटी या बहन को छेड़ते है उन्हें एक बात जरुर ध्यान रखनी चाहिए कि जो वे किसी और कि लड़की या बहन के साथ करते है क्या ऐसा अपनी बहन या बेटी के साथ बर्दाश्त कर सकते है | इसलिए उन्हें अपनी सोच बदलकर लडकियों के लिए अच्छी और नेक सोच रखनी चाहिए ताकि बेटियां हमारा और देश का नाम रोशन कर सकें |






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