मंदिर में घंटी क्यों बजाई जाती है | mandir me ghanti kyon bajai jaati hai



लोग जब भी मंदिर जाते है तो घंटी बजाकर अंदर प्रवेश करते है या फिर प्रवेश करने के बाद घंटी बजाते है | मंदिर में घंटी बजाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है | मंदिर में घंटी बजाने का धार्मिक और वैज्ञानिक आधार पर अपना अलग अलग महत्व माना जाता है | मंदिर में घंटी बजाने से जाने अनजाने में आपको कई फायदे होते है और अनेकों समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद मिलती है |

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आज हम आपको इस लेख के माध्यम से मंदिर में घंटी बजाने के फायदों के बारे में बताने जा रहे है जिन्हें जानकर आप भी इससे कई फायदे ले सकते है | आइये जानते है इस विषय से संबंधित कुछ खास जानकारी जो आपके सामने इस तरह से है :

मंदिर में घंटी बजाने के फायदों को जानने से पहले मंदिर में पाई जाने वाली घंटियों के प्रकारों के बारे में भी जान लेना चाहिए | मन्दिरों में लगभग चार प्रकार की घंटियाँ पाई जाती है जिसमे हाथ घंटी, घंटा, गरुड़ घंटी और दवार घंटी आदि होती है |

वैज्ञानिक आधार के अनुसार मंदिर में घंटी बजाने से उत्पन्न हुई कंपन से आस पास के वातावरण में फैले हानिकारक कीटाणुओं और सूक्ष्म जीवों का खात्मा किया जा सकता है | इसके अलावा वातावरण को शुद्ध बनाने में मदद ली जा सकती है | घंटी बजाने से आस पास नकारात्मक शक्ति के प्रभाव को खत्म किया जा सकता है |

धार्मिक आधार के अनुसार मंदिर में घंटी बजाने से देवी देवता जागृत और प्रसन्न हो जाते है साथ ही घंटी बजाने वाले व्यक्ति पर उनकी कृपया सदा के लिए बनी रहती है जिससे उसकी सभी परेशानियाँ दूर होने लगती है |

घंटी को नाद का प्रतीक माना जाता है जिसे बजाने से पाप का नाश किया जा सकता है | ओम का उच्चारण करने के बाद घंटी बजाना नाद का प्रतीक होता है | घंटी बजाने से हाथों की यौगिक क्रिया होने लगती है जिसके कारण हाथों में दर्द होने की समस्या भी दूर होने लगती है |

कोई भी धार्मिक कार्य या पूजा पाठ आरती के बगैर अधूरा माना जाता है और आरती के दौरान घंटी और शंख बजाना बहुत जरूरी होता है | इसलिए घंटी के बिना पूजा अर्चना को पूरा नहीं किया जा सकता है |

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में घंटी बजाने से बुरी आत्माओं और शक्तियों के प्रभाव से बचने में मदद मिलती है साथ आपको कई अन्य समस्याओं से भी छुटकारा पाने में मदद मिलती है |





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