प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से होते है स्वास्थ्य संबंधी नुकसान | Plastic bottle water can effect your health



वर्तमान समय में प्लास्टिक की बनी चीजों का इस्तेमाल दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है | हालांकि प्लास्टिक से बनी चीजें सस्ती और आसानी से उपलब्ध होने वाली है साथ ही इनका प्रयोग लंबे समय तक किया जा सकता है और इनका रख रखाव करने में भी कोई समस्या नहीं होती है | लेकिन इनके बढ़ते प्रयोग से आपको जानलेवा खतरा हो सकता है |

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हाल ही में हुए शोध के अनुसार प्लास्टिक को बोतल में पानी पीने से ऑप्टिज्म, मधुमेह और कैंसर जैसी कई जानलेवा बीमारियाँ होने की संभावना बन सकती है | शोध के अनुसार प्लास्टिक की बोतल में भरे पानी में ईडीसी यानी इंडोक्राइन डिसरप्टिंग केमिकल जैसा खतरनाक रसायन मिल जाता है | इससे मनुष्य के हार्मोनल सिस्टम को नुकसान होने लगता है | इस संबंध में अमेरिकी वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस रोग के इलाज के लिए केवल अमेरिका में ही लगभग 23 करोड़ रूपये खर्च किये जा चुके है |

आज हम आपको इस लेख के माध्यम से प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से होने वाले शारीरिक नुकसान के बारे में बताने जा रहे है | इनसे आपको कई तरह की गंभीर और जानलेवा बीमारियाँ होने की संभावना हो सकती है | आइये जानते है इस विषय से जुड़ी कुछ खास बाते जो आपके सामने इस तरह से है :

प्लास्टिक का हानिकारक रसायन कैसे नुकसानदायक हो सकता है :

प्लास्टिक की चीजों में खाना खाने या पानी पीने से हमारे शरीर की ग्रंथियां प्रभावित होने लगती है | ये ग्रंथियां हमारे शरीर के प्रत्येक अंग की जरूरत को पूरा करती है साथ ही शरीर को शक्ति प्रदान करती है | प्लास्टिक को बोतल में पानी पीने के अलावा भी शरीर को कई तरह से नुकसान होता है जैसे प्लास्टिक के खिलौने, डिटरजेंट व डिब्बे के अलावा सौन्दर्य प्रदान करने वाली चीजों में भी खतरनाक केमिकल का मिश्रण होता है | इस तरह के केमिकल को आसानी से देखा या पहचाना नहीं जा सकता है जिसके कारण इससे हमारे शरीर को नुकसान होने की संभावना बढ़ने लगती है |

प्लास्टिक की चीजों का प्रयोग करने से होने वाले रोग :

प्लास्टिक की चीजों में खाना खाने या इनका अन्य कामों में प्रयोग करने से हमारे शरीर के अंदर ईडीसी केमिकल चला जाता है | इसके प्रभाव से मनुष्य को मोटापे, कैंसर ऑप्टिज्म, मानसिक समस्या, पुरुषों में बांझपन, महिलाओं में गर्भाशय में बांझपन आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है | इनके अलावा त्वचा संबंधी भी कई तरह की समस्याएँ हो सकती है |

शोध के अनुसार बीमारी का पता :

वैज्ञानिकों ने इस समस्या का पता लगाने के लिए लगभग 5000 लोगों के यूरिन की जांच की गयी थी | इन जांच में पता किया गया था कि उनमे से ज्यादातर लोगों को ईडीसी केमिकल के प्रभाव के कारण बीमारियाँ हुई थी |

ऊपर दिए गए सुझावों और शोध को ध्यान में रखते हुए हमें प्लास्टिक और इससे बनी चीजों के इस्तेमाल को कम करना चाहिए और इससे होने वाले रोगों से स्वयं का बचाव करना चाहिए | इस तरह के रोगों से बचने के लिए हमें खाने के लिए प्लास्टिक की बजाय अन्य बर्तनों का इस्तेमाल करके फायदा लेना चाहिए |




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