आइये जाने छुई मुई (लाजवंती) Chhui mui or Humble plant के पौधे के औषधीय गुण |



आयुर्वेद के अनुसार पौधों से हमें कई घातक बिमारियों के उपचार के लिए दवा बनाने में मदद मिलती है साथ ही इनसे स्वास्थ्यवर्धक लाभ भी होते है जिसके कारण व्यक्ति लम्बे समय तक निरोगी और स्वस्थ रहता है | इसी तरह से छुई मुई के पौधे से भी हमें विशेष लाभ मिलते है | शायद ज्यादातर लोग इसके बारे में जानते नहीं है या फिर उन्होंने इसके बारे में केवल किताबों से ही जानकारी ली है |

chui mui


उनकी जानकारी के अनुसार छुई मुई के पौधे को हाथ लगाने से इसकी पत्तियां सिकुड़ने लगती है यह बात बिलकुल सच है अगर आप स्वयं भी ऐसा करके देखोगे तो इस जानकारी को सच ही बताओगे | हालाँकि इसके सिकुड़ने के पीछे इसका शर्मीलापन होता है और इसी के कारण इसे लाजवंती, लजौली, शर्मीली या छुईमुई आदि नामों से भी जाना जाता है |

अंग्रेजी भाषा में इस पौधे को मिमोसा प्युडिका के नाम से जाना जाता है और वनस्पति विज्ञान में इसका नाम माईमोसा पुदिका है | यह पौधा अधिक नमी वाले क्षेत्रों में पाया जाता है और इसकी अनेकों शाखाएं होती है | इस पौधे पर गुलाबी रंग के फूल भी आते है |

छुई मुई के पौधे की जड़ से बीज तक सभी का प्रयोग करके अनेकों बिमारियों का उपचार करने में मदद हासिल की जा सकती है | इसका प्रयोग करके आँखों के काले घेरे, आतों के घाव, कब्ज़, शारीरिक कमज़ोरी, नक़सीर, नपुंसकता, नेत्र रोग, मधुमेह रोग, टॉन्सिल्स, पेट के कीड़े, पेट दर्द, फोड़े फुंसी, बदहजमी, बवासीर, डायबीटीज़ आदि का उपचार किया जा सकता है |

आज हम आपको छुई मुई के पौधे के औषधीय गुणों के बारे में बताने जा रहे है जिनसे आप अपने शरीर को रोगमुक्त बनाने में सफल हो सकते है | आइये जानते है छुई मुई के पौधे के खास गुणों के बारे में जो आपके सामने इस प्रकार है :

हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार छुई मुई की पत्तियों और जड़ों में अत्यधिम मात्रा में एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण पाए जाते है जिनसे शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है साथ ही कई रोगों का उपचार भी संभव हो सकता है | इसका प्रयोग करके निम्नलिखित रोगों का उपचार किया जा सकता है :

मधुमेह रोग के उपचार में मदद :

छुई मुई की पत्तियों का प्रयोग करके मधुमेह रोग के दुरन राहत ली जा सकती है | इसके लिए एक काढ़ा तैयार करना पड़ता है जिसके लिए आपको लिए छुइमुइ की 100 ग्राम पत्तियों को 300 मिली पानी में डालकर उबालना है | इसके बाद मिश्रण को छानकर पीने से मधुमेह रोग से ग्रस्त व्यक्तियों को बहुत फायदा मिलता है |

नपुंसकता का उपचार करने के लिए :

नपुंसकता की समस्या को दूर करने के लिए भी छुई मुई का प्रयोग करके लाभ लिया जा सकता है | इस समस्या को दूर करने के लिए तीन इलायची, तीन ग्राम छुई-मुई की जड़, तीन ग्राम सेमल की छाल को बारीक पीसकर चूर्ण बना लें | नियमित रूप से इस चूर्ण को दूध के साथ लेने से नपुंसकता की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है |

कमजोरी दूर करने के लिए :

तीन ग्राम छुई मुई के बीजों को पीस कर चूर्ण बना लें | नियमित रूप से इस चूर्ण को दूध के साथ लेने से शारीरिक कमजोरी को दूर करने में मदद ली जा सकती है |

पुराने या नए घाव को ठीक करने के लिए :

दो ग्राम छुई मुई की जड़ को बारीक पीसकर चूर्ण बना लें | नियमित रूप से इस चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से नए या पुराने किसी भी घाव को ठीक करने में आसानी रहती है |

टॉन्सिल्स का उपचार करने के लिए :

छुई मुई की पत्तियों को बारीक पीसकर इसे दिन में दो बार गले पर लगाने से टॉन्सिल्स का उपचार करने में मदद ली जा सकती है |

शुगर की बीमारी से बचाव करने के लिए :

शुगर रोग से ग्रस्त व्यक्ति को छुई मुई के प्रयोग से बहुत राहत मिलती है | 100 ग्राम छुई मुई के पत्तों का काढ़ा बना लें | नियमित रूप से सुबह शाम इस काढ़े का सेवन करने से कुछ ही समय में शुगर की समस्या को दूर करने में आसानी रहती है |

धातु में वृद्धि करने के लिए फायदेमंद :

नियमित रूप से चार ग्राम लाजवंती के बीज और जड़ का चूर्ण बनाकर एक गिलास दूध के साथ सेवन करना चाहिए | इस उपाय के द्वारा धातु में वृद्धि होने के साथ साथ अन्य समस्याओं को दूर करने में भी मदद मिलती है |


ऊपर दिए गए उपायों के आधार पर कहा जा सकता है कि लाजवंती का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है जिसका प्रयोग करने से शरीर को अनेकों बिमारियों का उपचार करने में मदद ली जा सकती है | इसलिए छुई मुई के पौधे को हमे नियमित रूप से इस्तेमाल में लाकर स्वयं को रोगमुक्त बनाना चाहिए |

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