ध्रुवासन भगाए शरीर से आलस्य | Dhruvasan Ke Laabh | Dhruvasan Mudra Health Beniefits



ध्रुवासन :


इस आसन का नाम भक्त बालक ध्रुव के नाम पर रखा गया है इन्होंने इसी कठिन मुद्रा में खड़े होकर कठोर तपस्या की थी| इस आसन में साधक को उन्ही की तरह मुद्रा बनानी पड़ती है|

Dhruvasan Ke Laabh | Dhruvasan Mudra Health Beniefits


विधि :

समतल भूमि पर सावधान अवस्था में खड़े हो जाएँ और अपने शरीर का संतुलन बनाये रखें| अपने पैरों के बीच थोड़ी दूरी बना लें| इसके बाद अपनी दायीं टांग को घुटनें से मोड़ दें और पंजे को बायीं टांग के मूल स्थान से लगा दें| अब साँस को खींच कर दोनों हाथों को ऊपर की तरफ उठाकर नमस्कार की अवस्था में मिला लें| अपनी नजर को नासिका के अग्र भाग पर रखें| अपनी सांसों को सरलता से रोकने का प्रयास कर, जितना हो सके रोके रहें| इसके बाद टांग को नीचे रखते हुए साँस को धीरे धीरे छोड़ दें| इस विधि को टांग बदल कर बार बार दोहराते रहें|

ध्रुवासन  के लाभ :

1.      इस आसन के अभ्यास से शरीर का संतुलन बनाये रखा जा सकता है और शरीर से आलस्य को दूर किया जा सकता है|
2.      मानसिक रोग और मानसिक चंचलता की स्थिति में लाभ लिया जा सकता है|
3.      टांगो को मजबूती प्रदान की जा सकती है और घुटने के रोगों में भी आराम प्राप्त किया जा सकता है|
4.      उदासी, झल्लाहट की समस्या से बचा जा सकता है|
5.      शरीर को फुर्तीला बनाया जा सकता है साथ ही श्वास क्रिया भी नियंत्रित की जा सकती है और मन को स्थिर रखा जा सकता है|
6.      मूत्र और वीर्य सम्बन्धी रोगों को दूर करने में मदद मिलती है|
7.      इस आसन द्वारा शरीर को साधने की शक्ति मिलती है|
8.      इस आसन का नियमित अभ्यास करने से काम वासना को शांत किया जा सकता है|

9.      मसाने की कमजोरी कम की जा सकती है और पेशाब की उत्तेजना को भी शांत करने में मदद मिलती है|

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