सूर्य दर्शन आसन
इस क्रिया में साधक द्वारा खड़े होकर सूर्य को देखा जाता है इसलिए इसे सूर्य दर्शन कहा जाता है|
विधि :
यह विधि केवल सूर्य निकलने के समय और अस्त होने
के समय की जा सकती है| सूर्य निकलने या अस्त होने के समय सामान्य रूप से खड़े होकर सहज भाव से सूर्य
को देखें| इस दौरान पैरों के
बीच में कुछ दूरी अवश्य बनाये रखें| दोनों हाथों की कलाईयां आपस में पकड़ कर रखें और
अपनी नजरें सूर्य की ओर रखें| पहाड़ी और नदी के किनारे या फिर हरियाली वाली जगह पर इस
क्रिया के दौरान गहरे साँस लेकर उन्हें कुछ देर तक रोके रहें और बाद में धीरे धीरे
साँस छोड़ दें| इस क्रिया को जितनी
बार दोहराएंगे उतना ही आपको इसका लाभ मिलेगा|
सूर्य दर्शन आसन लाभ :
1.
इस क्रिया द्वारा मनुष्य के शरीर में सूर्य जैसा तेज
उत्पन्न हो जायेगा|
2.
इससे आँखों की रोशनी में वृद्धि होती है तथा व्यक्ति की आयु
में बढ़ोतरी होती है|
3.
इस क्रिया द्वारा त्वचा के रोगों से राहत मिलती है|
4.
इससे रक्त शुद्ध हो जाता है और मुखाकृति प्रभावशाली हो जाती
है|
5.
मन शुद्ध और आनंदमय हो जाता है|
6.
इससे व्यक्ति को एकाग्रता बनाने में सहायता मिलती है|
No comments:
Post a Comment