त्वचा को मुलायम और शरीर को शक्तिशाली बनाने के लिए करें तेल मालिश | Type of Body Massage and its Benefits in Hindi | शरीर के लिए मालिश की विधि और लाभ



मालिश का अर्थ :ग्रंथो के अनुसार मालिश एक ऐसी वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है| मालिश का सम्पूर्ण वर्णन भारतीय आयुर्वेद शास्त्र में दिया गया है| मनुष्य के जीवन में मालिश का प्रयोग शिशु अवस्था में ही होने लगता है| जन्म होने के बाद शिशु के शरीर को मालिश द्वारा ही सदृढ़ और शक्तिशाली बनाया जाता है|

त्वचा को मुलायम और शरीर को शक्तिशाली बनाने  के लिए करें तेल मालिश

मालिश के प्रकार :

वर्तमान समय में मालिश के निम्नलिखित प्रकार इस तरह से है - तेल मालिश, पानी से मालिश (नहाते समय), सुखी मलिश, तौलिया मालिश, पाउडर मालिश|

तेल मालिश :

सरसों के तेल व जैतून के तेल आदि का इस्तेमाल तेल मालिश के लिए किया जाता है| इसके लिए 50 गर्म सरसों के तेल की मात्रा लेकर इसमें मुश्क कपूर की टिकिया मिलाकर तैयार हुए तेल से मालिश करके बहुत लाभ लिया जा सकता है|

पानी से मालिश :

इस प्रक्रिया में नहाते समय पानी द्वारा मालिश की जाती है | नहाते समय शरीर के सभी अंगो को अच्छी तरह से रगड़कर इस तरह की मालिश का लाभ उठाया जा सकता है|

सुखी मालिश :

यह मालिश तेल मालिश से पहले करने से बहुत फायदा मिलता है क्योंकि इस दौरान मांसपेशियों को रगड़ कर तेल सोखने के लिए तैयार किया जाता है| सुखी मालिश बिजली का करंट, मिर्गी, बेहोशी आदि की समस्याओं में बहुत कारगर साबित होती है|

तौलिया मालिश :

इस मालिश में तौलिये द्वारा शरीर के सभी अंगों को अच्छी तरह से पोंछकर मालिश की जाती है इस प्रक्रिया को अकेला व्यक्ति तौलिये के दोनों सिरों को पकड़ कर स्वयं अपनी पीठ की मालिश कर सकता है|

पाउडर मालिश :

इस विधि में डॉक्टर या चिकित्सक की सलाह के अनुसार विशेष प्रकार के पाउडर या दवा से चोट या दर्द वाली जगह पर मालिश करके लाभ प्राप्त किया जा सकता है|

मालिश करने की विधि या तकनीक :

मालिश के लिए सामग्री या साधन तो अलग अलग हो सकते है लेकिन मालिश करने के केवल कुछ ही तरीके होते है जो इस प्रकार है :

Type of Body Massage and its Benefits in Hindi


1.      सहलाना :

अगर शरीर पर किसी चोट का घाव या कोई दर्द है तो वहां पर हल्के हाथ से उन अंगों के चारों ओर तेल, दवा या पाउडर लगाकर बिल्कुल आराम से मालिश करनी चाहिए| घाव युक्त अंग छोटा हो तो उंगलियों से हृदय की तरफ दिशा करके सहलाते रहें|

2.      मर्दन करना :

इस विधि में तेल या घी का प्रयोग करके हाथों से शरीर पर दबाव डालते हुए मालिश की जाती है| इस प्रक्रिया में तीन तरीकों से हाथों का दबाव दिया जा सकता है|
(1)   हथेली पर तेल लगाकर शरीर के अंगों पर घुमाकर मालिश करना |
(2)   हथेली के सख्त भाग से दबाकर मालिश करना |
(3)   ज्यादा जोर लगाकर दबाने के लिए हथेली पर दूसरे हाथ की हथेली द्वारा दबाव बनाकर मालिश करते है |

3.      थपथपाना :

इस विधि में हाथों को बिल्कुल ढीले छोड़ते हुए मांसपेशियों को थपथपा कर मालिश का प्रभाव डाला जाता है| सिर पर इस तरीके की मालिश की जाती है| इस तरीके की मालिश बाल काटने वाले व्यक्ति या फिर मालिश करने वाले व्यक्तियों द्वारा अक्सर की जाती है|

4.      मरोड़ना :

इस विधि में हाथों और पैरों पर हाथों की उंगलियों से उस तरह से दबाव दिया जाता है जैसे कपड़े निचोड़े जाते है|

5.      घर्षण करना :

मालिश की इस विधि में शरीर के अंगों को हाथ से रगड़ा जाता है और इस दौरान रगड़ने की दिशा हृदय की तरफ होती है| शरीर के बाल ना टूटें इसलिए बालों वाले स्थान पर हल्के हाथ से रगड़ा जाता है

चुटकी या गांठ घुमाना :

इस विधि में उंगलियों से त्वचा व मांसपेशियों को चुटकी भरकर या मांसपेशियों को चुटकी द्वारा खींचकर मालिश की जाती है|

6.      मुक्के मारना या ठोकना :

इस विधि में हाथों की उंगलियों की मुट्ठी बनाकर मांसपेशियों को दबा या ठोक कर मालिश की जाती है|

मालिश करते समय ध्यान रखने योग्य आवश्यक बातें :

मालिश करते समय बहुत सी ऐसी बातें है जिनको ध्यान में रखकर मालिश का भरपूर लाभ उठाया जा सकता है| कुछ महत्वपूर्ण बातें इस प्रकार है :

1.      मालिश के दौरान शरीर की क्षमता के अनुसार ही दबाव डालना चाहिए|
2.      मालिश करने वाले व्यक्ति को अपने हाथों के नाख़ून काट लेने चाहिए|
3.      मालिश हड्डियों पर ना करके केवल मांसपेशियों पर ही करनी चाहिए ताकि उनमे पूर्ण रूप से लोच पैदा की जा सके|
4.      पांव, पिंडली, घुटनों, जांघो, बाजुओं, पेट, छाती, पीठ, गर्दन और सिर की क्रम अनुसार मालिश करनी उत्तम रहती है|
5.      विटामिन डी का लाभ उठाने के लिए धुप में मालिश करनी चाहिए|
6.      शुष्क मौसम में सप्ताह में एक बार और सर्दियों में सप्ताह में दो बार मालिश की जा सकती है|
7.      मालिश करते समय दिशा हृदय की तरफ और पेट में दाएँ से बाएं की तरफ रखनी चाहिए|
8.      मालिश करने से पहले व्यक्ति को इस विधि का पूरा ज्ञान होना चाहिए तभी पूर्ण रूप से इसका लाभ उठाया जा सकता है|

मालिश के लाभ:

1.      जो व्यक्ति शारीरिक रूप से कमजोर है और व्यायाम करने में असमर्थ होते है वे मालिश के द्वारा शरीर को स्वस्थ और बलशाली बना सकते है|
2.      मालिश के द्वारा मांसपेशियों की कसरत कराकर उनकी थकान दूर करके, क्रियाशीलता में वृद्धि की जा सकती है|
3.      त्वचा के छिद्रों का विकास करके लचीलापन लाया जा सकता है तथा त्वचा की सुन्दरता को भी बढ़ाया जा सकता है|
4.      इस क्रिया द्वारा स्नायु संस्थान सम्बन्धी अंगों को स्वस्थ और सक्रिय बनाया जा सकता है|
5.      मालिश से रक्त संचार प्रक्रिया तेज करके लाल रक्त कणिकाओं में वृद्धि की जा सकती है|
6.      पेट की मालिश करके पाचन तंत्र को नियंत्रित करके पाचन सम्बन्धी विकारों को दूर करने में सहायता मिलती है|
7.      मालिश द्वारा शरीर से पसीना, मल मूत्र आदि को शरीर से बाहर निकालने में मदद मिलती है|
8.      मालिश का प्रभाव श्वसन संस्थान के अंगो पर होने से फेफड़ों को मजबूती प्रदान की जाती है तथा श्वसन सम्बन्धी अंगों सुचारू रूप से क्रियाशील किया जा सकता है|
9.      सिर की मालिश द्वारा मानसिक थकान को दूर करके समरण शक्ति बढ़ाई जा सकती है और अच्छी नींद का भी लाभ लिया जा सकता है|
10.  शरीर के अंगों का दर्द, मोच आना, अधरंग, गठिया, पोलियो, कब्ज, त्वचा सम्बन्धी रोग, कमजोरी और मोटापा की समस्या के दौरान मालिश करके बहुत लाभ उठाया जा सकता है|
 


  

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