आयुर्वेद
के अनुसार अदरक को महा – औषधि का नाम दिया गया है और इसकी पुष्टि वैज्ञानिक शोध से
भी की जा चुकी है| शरीर के लिए सभी आवश्यक तत्व अदरक में पाए जाते है| ताजा अदरक में 81% पानी, 2|5% प्रोटीन, 1% वसा, 2|5% रेशे और 13% कार्बोहाइड्रेट की
मात्रा पाई जाती है| इसके अलावा अदरक में आयरन , कैल्शियम , आयोडीन , क्लोरीन व विटामिन के साथ अन्य पोषक
तत्व भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते है| अदरक या इसके चूर्ण दोनों का इस्तेमाल
करके समान लाभ प्राप्त किया जा सकता है| अदरक में मजबूत एंटीवायरल तत्व भी पाए
जाते है|
अदरक
के इतने सारे फायदे है कि हम इसका इस्तेमाल करके सभी रोगों के दौरान फायदा ले सकते
है| आज
हम आपको इसके सभी गुणों के बारे में आपको विस्तार से बताएँगे | इसके विशेष गुण जिनसे रोगों का उपचार
करने में मदद मिलती है इस प्रकार है :
1. हिचकी से राहत :
(i) अदरक का इस्तेमाल करके सभी प्रकार की
हिचकियों की समस्या को दूर किया जा सकता है| इसके लिए ताजे अदरक की डली को साफ
करके थोड़ी देर तक चूसे| इस उपाय से आपको हिचकी की समस्या राहत मिल सकती है इसके अलावा घी या
पानी में सेंधा नमक मिलाकर सूंघने से भी हिचकी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता
है |
(ii)
हिचकी की समस्या के दौरान फायदा लेने के लिए 250 मिलीलीटर गाय के ताजा दूध के साथ
अदरक का रस मिलाकर सेवन किया जा सकता है|
(iii)
एक कप दूध उबालकर उसमे आधा चम्मच सोंठ मिलाकर ठंडा करके पीने से भी बहुत लाभ मिलता
है|
2. पेट दर्द के दौरान लाभ :
(i) समान
मात्रा में अदरक और लहसुन लेकर इन्हें बारीक पीसकर चूर्ण बना लें| एक चम्मच चूर्ण को पानी के साथ लेने
से पेट दर्द की समस्या से आराम मिलता है| अदरक तथा पुदीने के रस के साथ उसमे
चुटकी भर सेंधा नमक मिलाकर पीने से पेट दर्द ठीक हो जाता है|
(ii)
तुलसी के पत्तों का रस और अदरक का रस मिलकर गर्म पानी के साथ सेवन करने से पेट
दर्द से राहत मिलती है|
(iii)
पेट से सम्बंधित अन्य समस्याओं जैसे अपच और कब्ज आदि को ठीक करने के लिए एक चम्मच
पिसी हुई सोंठ और सेंधा नमक एक गिलास गर्म पानी के साथ सेवन करना चाहिए|
3. मुंह की बदबू को करे दूर : मुंह की
दुर्गन्ध से छुटकारा पाने के लिए एक चम्मच अदरक का रस और एक गिलास गर्म पानी को
मिलाकर कुल्ला कर लें| इस उपाय से बहुत लाभ मिलता है|
4. दांतों के दर्द के दौरान लाभदायक : अदरक
के रस के साथ बारीक सेंधा नमक मिलाकर दर्द वाले दांतों पर लगाने से दर्द कम किया
जा सकता है|
इसके अलावा दांतों में तेज दर्द होने पर अदरक के छोटे छोटे टुकड़े छीलकर दांतों के
नीचे दबाकर दर्द से बचा जा सकता है|
5. सर्दी जुकाम से बचने के लिए : इस
समस्या से बचने के लिए पाने में गुड़, अदरक , नींबू का रस , अजवायन और हल्दी समान
मात्रा में लेकर उबाल लें| इसके बाद इस मिश्रण को ठंडा करके छान ले और सेवन कर लें| यह उपाय बहुत ही फायदेमंद होता है|
6. गला खराब होने की समस्या से बचाव :
इसके लिए अदरक, लौंग, हींग और नमक का मिश्रण करके बारीक पीस लें| इस मिश्रण की छोटी छोटी गोलियां बना
लें और दिन में लगभग तीन या चार बार इन्हें प्रयोग करें| एक समय में एक ही गोली चूसे|
7. पक्षाघात (लकवा) की समस्या होने पर :
(i) घी में उड़द की दाल भूनकर इसकी आधी मात्रा में गुड़ व सौंठ लेकर मिश्रण बनाकर
इसमें मिला लें| इस
मिश्रण का 2 चम्मच सेवन दिन में तीन बार करके इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता
है|
(ii)
उड़द की दाल को बारीक पीसकर घी में भून लें तथा गुड और सौंठ पीसकर इनका मिश्रण कर
लें| इस
मिश्रण के लड्डू तैयार करके रोजाना एक लड्डू का सेवन करें| इसके अलावा सौंठ या उड़द को पानी में
उबालकर इनके पानी का सेवन करके भी फायदा लिया जा सकता है| इस उपाय से बहुत जल्दी लकवे की समस्या
को दूर किया जा सकता है|
8. पेट व सीने की जलन से राहत : एक गिलास
गन्ने के जूस के साथ दो चम्मच अदरक का रस तथा एक चम्मच पुदीने का रस अच्छी तरह से
मिलाकर सेवन करके इस समस्या से राहत पाई जा सकती है|
9. वात और कमर दर्द के दौरान फायदेमंद :
अदरक के रस और नारियल तेल का मिश्रण करके मालिश के लिए इस्तेमाल करे तथा सौंठ को
देशी घी के साथ खाने से भी लाभ लिया जा सकता है|
10. पसली का दर्द होने पर : लगभग 30 ग्राम
सोंठ को 500 मिलीलीटर पानी में गर्म करके छान लें| नियमित रूप से इसे पीने से पसली के
दर्द को खत्म किया जा सकता है|
11. चोट लगने या कुचल जाने पर : अदरक को
पीसकर लेप बना ले और इसे गर्म कर लें| इस लेप को चोट लगने या प्रभावित स्थान
पर बांधने से राहत मिलती है| इसके लगभग दो घंटे बाद पट्टी खोलकर इस पर सरसों का तेल लगाकर सेंक दें| इस उपाय को नियमित रूप से करने से
जल्दी ही चोट ठीक हो जाती है |
12. संग्रहणी (खूनी दस्त) होना : इस रोग के
समय सोंठ , नागरमोथा
, अतीस
, गिलोय
को बराबर मात्रा में लेकर इनको पानी में मिलाकर मिश्रण बना लें| इस मिश्रण का सेवन सुबह शाम करके इस
रोग से छुटकारा पाया जा सकता है|
13. ग्रहणी (दस्त) होना : गिलोय , अतीस , सोंठ और नागरमोथा का मिश्रण तैयार कर
लें और इसकी 20 से 25 मिलीलीटर की मात्रा का सेवन दिन में दो बार करे | कुछ ही समय में आपकी परेशानी दूर हो
जाएगी|
14. भूख की कमी होने पर : खाना खाने से
पहले अदरक के छोटे छोटे टुकड़े करके इन्हें सेंधा नमक लगाकरखाने से इस समस्या के
दौरान लाभ लिया जा सकता है|
15. भूखवर्धक : (i) भूख बढ़ाने के लिए दो
ग्राम सोंठ का चूर्ण घी के साथ सेवन करने तथा केवल सोंठ के चूर्ण को नियमित रूप से
गर्म पानी के साथ सेवन करने से भूख में वृद्धि होती है|
(ii)
अदरक के अचार का सेवन करके भी अधिक से अधिक लाभ पाया जा सकता है|
(iii)
नियमित रूप से खाना खाने से पहले अदरक की चटनी में नमक मिलाकर खाने से जीभ और गला
ठीक रहता है तथा भूख में भी वृद्धि होने लगती है|
(iv)
सोंठ और पित्तपापड़ा का काढ़ा बना ले| इसका प्रयोग करके बुखार और भूख की
समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है| इसलिए इसकी 5 से 10 ग्राम मात्रा का
सेवन करके फायदा लेना चाहिए|
16. अजीर्ण (रात्रि का भोजन न पचना) की
समस्या :
(i) सुबह सुबह अजीर्ण की समस्या महसूस होने पर हरड़ , सोंठ तथा सेंधानमक मिलाकर पानी के साथ
लें| इसके
सेवन के बाद दोपहर और शाम को सामान्य से थोड़ा कम भोजन करना चाहिए|
(ii)
अदरक के रस के साथ नींबू का रस मिलाकर सेवन करने से मंदाग्नि की समस्या को दूर
किया जा सकता है|
(iii)
अजवायन , सेंधानमक
, हरड़
, सोंठ
को बारीक पीसकर इनका चूर्ण बना ले तथा नियमित रूप से इसका सेवन करके फायदा लेते
रहें|
17.
उदर (पेट के रोग) रोगों की समस्या : पेट के रोग सम्बंधित समस्या होने
पर अदरक का इस्तेमाल करके बहुत लाभ प्राप्त किया जा सकता है|
18. बहुमूत्र : इस समस्या से बचाव करने के
लिए दो चम्मच अदरक के रस का सेवन सुबह शाम मिश्री के साथ करना चाहिए| यह उपाय बहुत लाभकारी होता है|
19. बवासीर रोग से होने वाली परेशानियों से निजात
दिलाने में सहायक : इस रोग के दौरान दुर्लभा और पाठा, बेल का गूदा और पाठा, अजवाइन व पाठा अथवा सौंठ और पाठा किसी भी एक योग का सेवन करके लाभ
लिया जा सकता है|
20. अंडकोषवृद्धि : अदरक के 10 – 20
मिलीलीटर के रस के साथ दो चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से वातज अंडकोष की वृद्धि को
रोका जा सकता है|
21. कामला (पीलिया) रोग : अदरक, त्रिफला और
गुड़ को मिलाकर इनके सेवन से पीलिया रोग का उपचार किया जा सकता है|
22. अतिसार (दस्त) की समस्या होना :
(i) सोंठ
, खस , बेल की गिरी , मोथा , धनिया , मोचरस तथा नेत्रबाला का मिश्रण करके
सेवन करने से अतिसार रोग से होने वाली परेशानी से बचाव किया जा सकता है|
23. सूजन की समस्या से बचाव : अदरक के रस
को गुड़ के साथ मिलाकर सुबह के समय सेवन करने से किसी भी तरह की सूजन की समस्या से
निजात पाई जा सकती है|
24. संधिपीड़ा (जोड़ों का दर्द) रोग :
(i)
एक किलोग्राम अदरक रस को 500 ग्राम तिल के तेल के साथ मिलाकर गर्म करे और केवल तेल
बाकि रहने पर इस मिश्रण को उतारकर छान लें| इस तेल की मालिश करके जोड़ो के दर्द की
समस्या से निजात पाई जा सकती है|
(ii) अदरक के रस को
हल्का गर्म करके इसे मालिश के लिए प्रयोग करके भी फायदा लिया जा सकता है|
25. हैजे के रोग से बचाव : अदरक का 10 ग्राम और आक की जड़ 10 ग्राम मिलाकर बारीक कूट
लें और इसकी छोटी छोटी गोलियां बना लें| इन गोलियों को हल्के गुनगुने पानी के
साथ लेने से हैजे के रोग में लाभ लिया जा सकता है| इसके अलावा अदरक के रस व तुलसी का रस
बराबर मात्रा में लेकर इसके साथ थोड़ा सा शहद व मोर पंख की भस्म मिलाकर इस्तेमाल
करने से भी बहुत फायदा मिलता है|
26. इन्फ्लुएंजा होने पर : नियमित रूप से 6
मिलीलीटर अदरक रस और 6 ग्राम शहद का मिश्रण करके दिन में
तीन या चार बार सेवन करके इन्फ्लुएंजा से राहत पाई जा सकती है|
27. सन्निपात ज्वर : त्रिकुटा, सेंधानमक और अदरक के रस का मिश्रण करके
नियमित रूप से सेवन करने से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है|
28. वात दर्द , कमर दर्द तथा जांघ और गृध्रसी दर्द :
आधा चम्मच घी के साथ एक चम्मच अदरक का रस मिलाकर सेवन करके इनसे होने वाली समस्या
को आसानी से दूर किया जा सकता है|
29. मसूढ़े फूलना (मसूढ़ों की सूजन) :
(i)
मसूडे फूलने या उनमे दर्द होने की शिकायत होने पर अदरक पर नमक छिड़क कर दर्द होने
वाले दांतों और मसूड़ों पर रगड़े|
(ii) इसके अलावा 3
ग्राम सुखा अदरक नियमित रूप से दिन में एक बार पानी के साथ सेवन करके मसूड़े फूलने
की समस्या होने के दौरान आराम लिया जा सकता है|
(iii) अदरक के रस के
साथ नमक मिलाकर सुबह शाम दांतों पर मलने से दांतों की समस्या को दूर किया जा सकता
है|
30. गला बैठना, श्वांस-खांसी और जुकाम की समस्या होने
पर : अदरक का रस और शहद 30-30 ग्राम लेकर इन्हें गर्म कर लें और दिन में तीन बार
इनका सेवन कर लें| इस उपाय से दमा-खांसी व गले सम्बन्धी अन्य बिमारियों का उपचार किया
जा सकता है|
इसे उपाय के इस्तेमाल के दौरान दही और खटाई का प्रयोग ना करें|
31. खांसी और जुकाम की समस्या का उओचार :
इसका उपाय करने के लिए अदरक को घी में भून लें| लगभग 12 ग्राम अदरक के छोटे टुकड़े
करके इन्हें 250 मिलीलीटर पाने में मिलाकर उबाल लें| इनका नियमित रूप से सेवन करके खांसी
और जुकाम की समस्या का उपचार किया जा सकता है|
32. अपच की समस्या करे दूर : अदरक , सेंधानमक और कालीमिर्च को बारीक पीसकर चटनी बना लें और नियमित रूप से
भोजन करने से 30 मिनट पहले इसका सेवन करके अपच की समस्या को आसानी से दूर किया जा
सकता है|
33. पाचन संस्थान सम्बन्धी प्रयोग :
(i)
लगभग 6 ग्राम अदरक के टुकड़े करके इन पर थोड़ा नमक छिड़क कर नियमित रूप से भोजन से
पहले करके पाचन सम्बन्धी समस्या से छुटकारा मिल सकता है| इसके अलावा इस उपाय से भूख में वृद्धि
होने के साथ पेट की गैस और कब्ज रोग भी दूर हो जायेगा| मुंह का स्वाद तथा गले व जीभ के साथ
चिपका बलगम भी साफ हो जायेगा|
(ii) पेट बढ़ने या
फूलने की समस्या होने के दौरान अदरक के बारीक व छोटे छोटे टुकड़े करके देशी घी में
भून कर नमक के साथ सेवन करे| इससे पेट के अन्य
रोगों के दौरान भी फायदा लिया जा सकता है|
(iii) अदरक के एक
लीटर रस में 100 ग्राम चीनी मिलाकर गर्म कर लें| मिश्रण
अच्छी तरह से गर्म जाने के बाद इसमें 5
ग्राम लौंग चूर्ण व 5 ग्राम छोटी इलायची का चूर्ण मिलाकर शीशे के बर्तन में डाल
दें| इस मिश्रण को उबले हुए दूध या पानी के साथ सेवन
करके पाचन सम्बन्धी सभी परेशानियों को दूर किया जा सकता है |
34. आंव (कच्चा अनपचा अन्न) : इसका अर्थ है
कच्चा अनपचा अन्न | ज्यादा समय तक इसका पेट में रहना नुकसानदायक हो सकता है| इससे पाचन संस्थान में गड़बड़ी होने
लगती है और पेट सम्बंधित अनेको समस्याएँ हो जाती है| नियमित रूप से सुबह खाली पेट 2 चम्मच अदरक के रस का सेवन करके पेट के सभी
रोगों का नाश किया जा सकता है| इसके अलावा अदरक के रस का नियमित रूप से सेवन करके कमर दर्द , सन्धिवात , अपच , नींद न आना और सिरदर्द का उपचार भी संभव हो सकता है|
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