एच
आई वी वायरस के रेट्रोवायरस का एक अंग होता है जिसे लेंटीवायरस या स्लो वायरस के
नाम से भी जाना जाता है| इसके लक्षण संक्रमण होने के काफी दिन बाद ही ज्यादा प्रभावी होने
लगते है इसी कारण इसका नाम स्लो वायरस रखा गया है|
इसके
अलावा अन्य लेंटीवायरस जिनसे मनुष्यो के साथ साथ जीव जंतु भी संक्रमित हो सकते है| इनमे फेलिन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (FIV) से बिल्लियों को और इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (SIV) बंदरों और नॉनह्यूमन प्राइमेट से
चिम्पांजी , आरेंगूटान
और गोरिल्ला को संक्रमण होता है| जिस तरह से एच आई वी वायरस के संक्रमण
से मनुष्य की रोगों से लड़ने की शक्ति कम होने लगती है उसी तरह से इन वायरसों के
संक्रमण से जानवरों के अन्दर भी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने लगती है| हालाँकि इन सभी वायरसों के लक्षण
जानवरों पर मनुष्य जैसे ही होते है| इन वायरसों से एच आई वी वायरस के बारे
में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त की जा सकती है|
एच
आई वी वायरस का संक्रमण कई प्रकार से हो सकता है इनमे से कुछ प्रमुख इस प्रकार है
:
एच
आई वी वायरस से संक्रमित व्यक्ति के साथ सम्बन्ध बनाने से संक्रमण हो सकता है| इसके अलावा मुंह में छाले होने या
मसूडों से खून बहने के कारण भी संकरण होने की सम्भावना रहती है|
एड्स
से संक्रमित व्यक्ति का खून किसी सामान्य व्यक्ति को चढ़ाने से उसे भी संक्रमण हो
सकता है|
संक्रमित
व्यक्ति के द्वारा प्रयोग किये गए इंजेक्शन का इस्तेमाल दूसरे व्यक्ति द्वारा करने
से भी संक्रमण फैलने लगता है|
संक्रमित
माँ से जन्म लेने वाला बच्चा भी संक्रमण से ग्रस्त हो सकता है|
बच्चे द्वारा संक्रमित
माँ का दूध पीने से एड्स हो सकता है|
एच
आई वी वायरस के विषाणुओं के संक्रमण के कारण|
संक्रमित
व्यक्ति के दाढ़ी बनाने के लिए इस्तेमाल किये गए उस्तरे या रेजर से, शरीर पर
इस्तेमाल किये गए सुई या ब्लेड से भी संक्रमण होने की सम्भावना रहती है|
इसके
अलावा कुछ बाते ऐसी भी होती है जिनसे एच आई वी वायरस का संक्रमण नहीं होता है उनमे
से कुछ बाते इस प्रकार है :
एड्स
से संक्रमित व्यक्ति के साथ हाथ मिलाने या उसे चूमने और उसे गलें लगाने से एड्स
नहीं होता है|
इस
रोग से ग्रस्त व्यक्ति के साथ रहने या उसके साथ भोजन करने से एड्स नहीं फैलता है|
यह
बीमारी खांसने या छिकने से नहीं होती है|
मच्छर
के काटने से भी एड्स नहीं होता है|
इसके
अलावा आंसू या थूक के द्वारा भी एड्स होने की सम्भावना नहीं रहती है|
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