जानिये प्रसव के कितने दिन बाद संबंध बनाना उचित होता है | janiye prasav ke kitne dino baad sambandh banana uchit hota hai |



प्रसव के बाद किसी भी महिला का शरीर पहले की तरह सामान्य नहीं रहता है| प्रसव के बाद महिला के शरीर में बहुत बदलाव हो जाता है जैसे स्तनों से दूध निकलने लगता है और पेट का आकर बदलकर थोड़ा सा बड़ा और ढीला सा हो जाता है| ऐसे समय में अपने साथी से संबंध बनाने की इच्छा कम हो जाती है|

ऐसे समय में डॉक्टर स्वयं भी दम्पति को सलाह देते है कि उनके लिए शारीरिक सम्बन्ध बनाने का उचित समय कौन सा होता है| इस दौरान पति को अपनी पत्नी की देखभाल और प्यार बनाये रखना चाहिए ताकि उनके बीच कभी भी दूरी ना हो|

sex after delivery

जब महिला बच्चे को जन्म देती है तो उसके तुरंत बाद उससे शारीरिक संबंध बनाना संभव नहीं होता है| ऐसा करने से महिला को अत्यधिक दर्द महसूस करना पड़ सकता है| प्रसव के दो से तीन हफ्तों तक महिला को रक्तस्त्राव होता रहता है और इस दौरान उससे सम्बन्ध बनाते समय अरुचि हो सकती है तथा अजीब सी बदबू भी आती रहती है|

बच्चे को जन्म देने के बाद महिला की गर्भनाल बाहर आ जाती है तथा उसका स्थान बिलकुल खाली हो जाता है| यह एक घाव की तरह लगने लगता है इसे भरने में कुछ समय लगता है| अगर इसके भरने से पहले सम्बन्ध बनाये जाये तो एक प्रकार का संक्रमण होने की उम्मीद बन सकती है| इसलिए हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि प्रसव के 40 – 45 दिनों के बाद ही शारीरिक सम्बन्ध बनाना उचित रहता है अन्यथा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है|

प्रसव के बाद शारीरिक सम्बन्ध बनाने से पहले कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखे ताकि आपको कोई परेशानी ना हो :

दर्द महसूस होने पर :

प्रसव के बाद महिला की योनी में कुछ समय तक सूखापन रहता है और इस समय साथी के साथ सम्बन्ध बनाते समय अत्यधिक दर्द होने की सम्भावना बन सकती है, इसके कारण सम्बन्ध न बनाने की इच्छा भी हो सकती है इसलिए वैजिनल ल्यूनब्रीकेंट का प्रयोग करके फायदा लिया जा सकता है| अगर इसके बाद भी दर्द ज्यादा होने लगे तो ये किसी संक्रमण के लक्षण हो सकते है| इसका उपचार करवाने के लिए डॉक्टर की सलाह लेकर उचित समाधान करवा लेना चाहिए|

स्तनों से दूध आना :

प्रसव के बाद शिशु को दूध पिलाने के कारण महिला के स्तनों में दूध भरा होता है और थोड़े थोड़े समय बाद उनसे दूध निकलता रहता है| इस समय संबंध बनाते समय स्तनों से दूध निकलने पर साथी को झुंझलाहट हो सकती है| इसलिए सम्बन्ध बनाने से पहले शिशु को स्तनपान करा देना चाहिए ताकि इस तरह की समस्या शारीरक सम्बन्ध बनाते समय ना हो| ऐसा करने से छाती का भारीपन भी कम हो जायेगा|

योनी के आकार में बदलाव होना :

प्रसव के बाद महिला की योनी का आकार पहले की अपेक्षा सामान्य ना होकर काफी बढ़ जाता है| इसे अपने सामान्य रूप में आने में बहुत समय लग जाता है| इसलिए सम्बन्ध बनाते समय साथी को यह बात समझ लेनी चाहिए कि यह एक प्राकृतिक क्रिया है इसमें महिला की कोई गलती या दोष नहीं है| इस बात को लेकर अपने मन में किसी वहम को ना आने दें|

प्रसव के बाद शारीरिक सम्बन्ध बनाने से पहले कुछ कारगर उपाय :

ल्यूब का प्रयोग :

प्रसव के बाद सम्बन्ध बनाने से दौरान ल्यूब का इस्तेमाल करके अधिक से अधिक लाभ लिया जा सकता है क्योंकि इसके इस्तेमाल से योनी में सूखापन खत्म हो जाता है| सूखापन खत्म होने के कारण सम्बन्ध बनाते समय साथी को दर्द की स्थिति से नहीं गुजरना पड़ता है तथा सम्बन्ध बनाने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है|

साथी से बाते करनी चाहिए :

सम्बन्ध बनाने से लेकर छोटी बड़ी हर बात अपने साथी से करनी चाहिए| अपने मन की बात उन्हें बतानी चाहिए तथा उनकी बातों को भी ध्यान से सुने| अगर किसी को कोई परेशानी है तो आपसी बातचीत से इसका हल किया जा सकता है|

मसाज कराएँ :

प्रसव के बाद सम्बन्ध बनाने से पहले मसाज का लाभ लेना चाहिए| मसाज कराने से हारमोंस को नियंत्रित किया जा सकता है और शरीर फ्रेश और रिलैक्स हो जाता है|

भरपूर आराम लें :

भरपूर नींद और आराम लेना चाहिए | अगर आपको थकान महसूस हो रही हो तो सम्बन्ध बनाने की बजाय शरीर को आराम देना फायदेमंद रहता है|

                          
               


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