स्वस्थ और निरोगी रहने के आयुर्वेदिक उपाय | Swasth aur nirogi rehne ke aayurvedi upay



जिंदगी केवल एक ही बार मिलती है और सभी इसे स्वस्थ और निरोगी रहकर जीने की इच्छा रखते है | सभी अपने अपने अंदाज में स्वस्थ रहने के लिए प्रयास और उपाय करते है जिसमे कुछ कामयाब होते है तो कुछ असफल होकर बीमार और कमजोर हो जाते है | जो लोग स्वस्थ रहने में सफल होते है उनमें से कुक व्यक्ति योग को सबसे बढ़िया साधन मानते है तो कुछ व्यक्ति दवाओं के सहारे रोगों से लड़ते है |

swasth rehna


चाहे कुछ भी हो हर कोई व्यक्ति बिमारियों से बचने का कोई ना कोई उपाय जरुर करता है | आज हम आपको कुछ ऐसे आयुर्वेदिक त्रिकोण के बारे में बताने जा रहे है जिन्हें अपनाकर आप शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्वस्थ और निरोगी रहने में सफल हो सकते है | स्वस्थ और निरोगी रहने के लिए सरल आयुर्वेदिक उपाय आपके सामने इस प्रकार है :

मैडिटेशन के दवारा :

इसे आयुर्वेद का सबसे पुराना उपाय बताया गया है जिसे पूरे विश्व दवारा उपयोग में लाया जा रहा है | इस विधि का प्रयोग करके स्वस्थ जीवन और एकाग्रता की सीमा बढ़ाई जा सकती है | मैडिटेशन के इस्तेमाल से आप अपने मन को शांत अवस्था में रखने में सफल हो सकते है साथ ही शरीर पर नियंत्रण करने में भी आसानी रहती है | तनाव की स्थिति से बचने के लिए भी इस विधि का प्रयोग करके लाभ लिया जा सकता है |

मैडिटेशन का अधिक लाभ लेने के लिए मूविंग मैडिटेशन या योग का अभ्यास करके श्वास जागृति में मदद ली जा सकती है | आप इसे अच्छी तरह से समझ कर ही इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ ले सकते है इसलिए नियमित रूप से मैडिटेशन का अभ्यास करते रहे और परेशानियों से अपने आप को बचाएं रखें |

प्राणायाम से लाभ :

प्राणायाम का अभ्यास खुली और हवादार जगह पर किया जाता है | इससे सांसों पर नियंत्रण करने के साथ शरीर और मन को स्वस्थ रखने में मदद ली जा सकती है | यह क्रिया बहुत आसान है जिसे एक बार समझ कर कोई भी अभ्यास कर सकता है | प्राणायाम की सबसे मशहूर और लाभदायक क्रिया कपालभाती है | इसके अभ्यास के दौरान दोनों नासिकाओं से साँस को बाहर निकला जाता है | नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से चेहरे की रौनक और सुन्दरता बढ़ने लगती है | इससे दमा,  ब्लडप्रशैर,  शुगर,  मोटापा,  कब्ज,  गैस,  डिप्रेशन, प्रोस्टेट एवं किडनी सम्बन्धित सभी रोगों का नाश किया जा सकता है |

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जीभ को अच्छी तरह साफ करके :

स्वस्थ और निरोगी रहने के लिए जीभ की सफाई बहुत ही जरूरी होती है क्योंकि अगर जीभ को अच्छी तरह से साफ नहीं किया जाए तो आपको खाने पीने की चीजो के स्वाद का पता नहीं लगेगा | ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जीभ को साफ ना करने पर आपके टेस्ट बड्स या स्वाद कलिका पर बैक्टिरीया और प्लाक जम जाते है जिनके कारण आपको स्वाद का पता नहीं चल पाता है | जीभ की सफाई करने के लिए आप नमक और चीनी का इस्तेमाल कर सकते है या फिर नमक के पानी का दो चार बार कुल्ला करके फायदा ले सकते है |

बॉडी मसाज से फायदा :

मसाज से हमारे शरीर को बहुत लाभ होते है इससे रक्त संचार अच्छी तरह से होने लगता है | मसाज से मांसपेशियों को मजबूती मिलती है साथ ही त्वचा में भी कसावट आने लगती है |
मसाज कराने ने शरीर के साथ साथ मन को भी आराम मिलता है | मसाज से तनाव को आसानी से दूर किया जा सकता है और शरीर में हल्कापन महसूस किया जा सकता है | आयुर्वेद के अनुसार मसाज के लिए तील का तेल या नारियल तेल सबसे उत्तम रहता है | मसाज करने से पहले किसी भी तेल को थोडा गर्म करके हाथों को शरीर पर सुइयों की दिशा की तरह गोल गोल घुमा कर मसाज करनी चाहिए |

शरीर से पसीना निकालना :

त्वचा को डिटॉक्सीफिकेशन का सबसे बड़ा अंग माना जाता है और शरीर का तापमान बढ़ता है तो शरीर की अशुद्धियाँ पसीने के रूप में शरीर से बाहर आने लगती है | शरीर से पसीना निकलने से रक्त संचार भी संतुलित होने लगता है साथ ही शरीर में पानी की मात्रा भी आवश्यकतानुसार ही बचती है |

शरीर से पसीना निकलना (स्वेदन) एक आयुर्वेदिक उपचार माना जाता है | इसके लिए तेल को गर्म करके शरीर की मालिश या मसाज की जाती है फिर स्टीम देकर शरीर से पसीने के रूप में सारी अशुद्धियाँ बाहर निकाल दी जाती है | पसीना निकालने के लिए आप सुबह शाम कसरत या जिम में जाकर एक्सरसाइज कर सकते है |

दोपहर को भारी खाने का सेवन करें :

दोपहर के समय हमारी पाचन क्षमता सुबह और शाम की अपेक्षा थोड़ी ज्यादा होती है | इसलिए हमें दोपहर के समय थोड़ा भारी खाना खाना चाहिए ताकि हमारे शरीर को ज्यादा एनर्जी मिल सके | भारी खाना खाने से मतलब जरूरत से ज्यादा खाना नहीं है बल्कि ऐसा आहार लेने से है जो हम सुबह शाम नहीं करते है | क्योंकि दोपहर के समय भारी खाना पचाने में कोई परेशानी नहीं होती है और शरीर को दिन भर के कार्य करने के लिए आवश्यक उर्जा भी मिल जाती है |

अदरक और गर्म पानी की चाय का सेवन :

ठन्डे पानी का सेवन करने से पाचन तंत्र को परेशानी होने की सम्भावना रहती है | इसलिए हमें ठन्डे की बजाय हल्का ग्राम पानी इस्तमाल में लाना चाहिए | इसके अलावा अदरक की चाय का सेवन भी बहुत फायदेमंद रहता है | आयुर्वेदिक नुश्खों के अनुसार अदरक की चाय पीने से पाचन तंत्र स्वस्थ और मजबूत बनता है | पहले पहले आपको दिनभर में केवल एक कप अदरक की चाय का सेवन करना चाहिए लेकिन बाद में आप क्षमतानुसार दो या तीन कप का सेवन करके भी लाभ ले सकते है |

क्षमतानुसार ही खाना खाएं :

कभी भी क्षमता से ज्यादा खाना नहीं खाना चाहिए या फिर ऐसे आहार का सेवन नहीं करना चाहिए जो आपकी सेहत के लिए उचित ना हो क्योंकि इस तरह के खाने का सेवन करने के बाद इसे पचाने में बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है |

इसलिए जो खाना आपके स्वस्थ और पाचन तंत्र के लिए उचित हो और आप इसे पचाने की कितनी क्षमता रखते हो उन बातों को ध्यान में रखकर ही खाना खाएं |









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