खाना खाने के बाद क्यों आती है तेज नींद | khana khane ke bad kyo aaati hai tej nind



हमें कई बार खाना खाते ही नींद आने लगती है ता फिर शरीर में भारीपन और सुस्ती महसूस होने लगती है | छोटे बच्चे अक्सर दूध पीते ही सो जाते है क्योंकि यही उनका खाना होता है | खाना खाने के बाद नींद आना कोई समस्या या परेशानी नहीं है बल्कि ऐसा होना सामान्य होता है | लगभग सभी व्यक्ति खाने के बाद ऐसा महसूस करते है लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है |

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आज हम आपको खाने और नींद से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में बताएँगे जिन्हें जानकर आप इस बात को समझ सकते है | आइये जानते है इस विषय से जुड़ी कुछ खास जानकारी को जो आपके सामने इस प्रकार है :

स्लीपर्स :

भोजन और नींद का रिश्ता बहुत पुराना है क्योंकि कई बार हम ऐसी चीजें खाते है जो नींद लाने के लिए जरूरी होते है | इन्ही पदार्थों को स्लीपर्स के नाम से जाना जाता है | इन चीजों में पनीर, चीज, सी फूड और दालें आदि शामिल है | इन पदार्थों का सेवन उचित मात्रा में करने से शरीर की नसें खींचने लगती है जिसके कारण किसी भी व्यक्ति को खाने के तुरंत बाद नींद आने लगती है | हालाँकि खाने के बाद नींद आने के और भी कई कारण हो सकते है |

वेकर्स :

स्लीपर्स के अलावा भी कुछ खाद्य ऐसे होते है जिनसे हमारे दिमाग की प्रतिक्रिया तेज होने लगती है और इसी कारण हमें नींद आने लगती है | ऐसे पदार्थों को वेकर्स का नाम दिया गया है | इन पदार्थों में चाय, काफी, चाकलेट, कोला, स्नैक्स और शक्करयुक्त पदार्थ शमिल है | इनके सेवन से भी व्यक्ति को बहुत जल्दी नींद आने लगती है |

नींद आने का कारण :

जब हम भोजन करके बैठे या लेटते है तो हमारा पाचन तंत्र भोजन को पचाने की क्रिया शुरू कर देता है | इस क्रिया के लिए हमारे पेट अधिक मात्रा में खून की आवश्यकता होती है | जब व्यक्ति सामान्य स्थिति में होता है तब उसके रक्त की 28 % मात्रा लीवर को जाती है और 24 % फेफड़ों को, 15 % मांसपेशियों, 14 % दिमाग तथा 19 % शरीर के अन्य भागों तक जाती है | लेकिन जब हम खाना खा लेते है तो दिमाग को पहुँचने वाले रक्त की गति धीमी होने लगती है जिसके कारण उसकी कार्यविधि थोड़ी कमजोर होने लगती है | इसी कारण व्यक्ति को बहुत जल्दी थकान और नींद महसूस होने लगती है |

अलग अलग विचार :

खाना खाते वक्त दिमाग में रक्त की कमी होने की बात पर विशेषज्ञों की सहमती नहीं बनती है क्योंकि वे इसे सही नहीं मानते है | अगर ये बात सही हो तो नाश्ता और लंच करने के बाद क्यों नींद नहीं आती है | इसके लिए उन्हों कई और कारण बताये है जो आपके सामने इस प्रकार से है :

ज्यादा समय तक काम करने से :

हमारे शरीर में मस्तिष्क और आँतों दो महत्वपूर्ण अंग है जो किसी काम को करने के लिए अधिक उर्जा लेते है | अक्सर लंच के दौरान जब व्यक्ति अधिक कैलोरी युक्त खाने का सेवन करता है तो दिमाग उससे उर्जा ग्रहण करके पाचन क्रिया में लगा देता है | इसके लिए दिमाग द्वारा लाल रक्त कणिकाओं को भोजन को पाचन और पोषक तत्वों को ले जाने के लिए निर्देश देता है | इसी कारण शरीर में सुस्ती आती है और खाना खाने के बाद नींद आने लगती है |

एडेनोसाइन के कारण :

खाने के बाद नींद आने के पीछे होमियोस्टेटिक (homeostatic) नींद ड्राइव और बॉडी साइकिल (सरकाजियन ) भी एक कारण हो सकता है | अक्सर स्लीप ड्राइव द्वारा हमारे मस्तिष्क के भीतर एक प्रकार के रसायन का क्रमिक निर्माण होता है जिसे एडेनोसाइन के नाम से जाना जाता है | जब तक इन्सान जागता रहता है एडेनोसाइन उसे सोने के लिए प्रेरित करने के प्रयास करता रहता है | इसका प्रभाव सुबह की बजाय दोपहर और रात को खाना खाने के बाद ज्यादा होने लगता है | इसीलिए हमें खाना खाने के बाद नींद आने लगती है |

इन्सुलिन के कारण :

अगर हम खाने में ज्यादा मीठे पदार्थों का सेवन करते है तो इसके कारण अग्नाशय इंसुलिन का निर्माण करने लगता है जो रक्त प्रवाह के साथमिल जाता है | इन्सुलिन के स्तर में वृद्धि होने के कारण ट्रीप्टोफन (tryptophan) की कार्रवाई तेज होने लगती है | इससे दिमाग को अमीनो एसिड के रूप में आवश्यक डाइट मिल जाती है | इसी वजह से भी दोपहर के खाने के बाद नींद आने लगती है |

खाने के बाद नींद आने के सम्बन्ध में विशेषज्ञों के अलग अलग मत है | लेकिन इन मतों के अनुसार भी यह नहीं कहा जा सकता कि इस तरह से नींद आने की समस्या चिंताजनक है बल्कि ऐसा होना बिलकुल नार्मल होता है |






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