मछली का सेवन हमारे शरीर के लिए बहुत बढ़िया
रहता है क्योंकि इसमें उचित मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड होने के कारण हमें आँखों
और बालों सम्बन्धी विशेष फायदे होते है | नियमित रूप से मछली का सेवन करने से बालो
की सुन्दरता बढ़ाने के साथ साथ इन्हें कई तरह की समस्याओं से भी बचाया जा सकता है |
इसके अलावा आँखों की रोशनी बढ़ाने में भी मदद ली जा सकती है |
मछली के सेवन से हमें उचित मात्र में प्रोटीन
की पूर्ति हो सकती है साथ ही भरपूर मात्रा में मिनरलस भी प्राप्त किये जा सकते है
जिनसे अनेकों रोगों का उपचार करने में फायदा लिया जा सकता है | हालाँकि हर एक चीज
को आवश्यकतानुसार खाना चाहिए अन्यथा कोई फायदा नहीं होता बल्कि नुकसान भी होने की
संभावना बनने लगती है | हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार मछली का अधिक
सेवन करने से व्यक्ति को कई तरह की परेशानियाँ होने लगती है और इससे मौत भी होने
की संभावना बन सकती है |
आज हम आपको इस लेख द्वारा मछली के सेवन से होने
वाले स्वास्थ्यवर्धक लाभों के बारे में बताएँगे साथ ही आपको इसकी कितनी मात्रा का
सेवन करना चाहिए इसके बारे में भी जानकारी दी जाएगी | आइये जानते है इस विषय से
जुड़ी कुछ खास जानकारी जो आपके सामने इस प्रकार है :
एक रिपोर्ट के अनुसार मछली सम्बन्धी जानकारी :
हाल ही में नेचर नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई
रिपोर्ट के अनुसार मछली में मर्करी मतलब पारा पाया जाता है | शरीर में इसका स्तर
बढ़ने के कारण नयूरोलॉजिकल बीमारियां होने की संभावना बढ़ने लगती है जिसके कारण
व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है |
समुन्द्र किनारे अधिक फैक्ट्रियां और कम्पनियां
होने के कारण इनसे निकलने वाला प्रदुषण सीधा समुन्द्र के पानी में छोड़ा जाता है
जिसके कारण मछलियों में मर्करी की मात्रा में वृद्धि होने लगती है | इसी वजह से
मछली का सेवन अधिक मात्रा में करने से इस तरह के खतरे बढ़ रहे है | मछली का सेवन
अधिक मात्रा में करने से शारीरिक कमजोरी होने के साथ साथ आँखों की रोशनी भी घटने
लगती है |
मछली में मर्करी या पारा पहुँचने के कारण :
पिछली दो सदियों में औधोगिक क्रांति बहुत
ज्यादा होने लगी है इसी समय विज्ञान ने भी काफी उन्नति की है जिसके कारण उधोग धंधे
काफी बढ़ने लगे | बड़ी बड़ी फैक्ट्रियों में काफी मात्रा में मेथिलमर्करी (यह मर्करी
का सबसे खतरनाक प्रकार है) का प्रयोग किया जाता है | यह अन्य गंदगियों के साथ
मिलकर सीधा समुन्द्र के पानी में छोड़ दिया जाता है |
यह समस्या सबसे ज्यादा 1950-60 के दशक में
जापान में देखी गयी थी जहाँ ‘मिनामाता बीमारी’ (यह एक न्यूरालोजॉकल सिंड्रोम है जो मर्करी के
कारण होता है) के कारण 2000 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी | इसके बाद ही मछलियों
से फैलने वाली इस बीमारी का पता लगाया गया था | इस समस्या से केवल जापान ही नहीं
बल्कि समुन्द्रों के किनारे बसे यूरोप और अमेरिका के कई देशों में भी फैली हुई है
|
गर्भवती महिलाओं के लिए नुकसानदायक :
मछली खाने का शौक रखने वाली महिलाओं को इस बात
पर जरुर ध्यान देना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें और उनके शिशु दोनों को बहुत नुकसान
हो सकता है | विशेषज्ञों के अनुसार मछली में अत्यधिक मात्रा में वसा होने के कारण
इसके सेवन से गर्भ में पल रहे बच्चे को कई प्रकार की बीमारियाँ होने की संभावना हो
सकती है | समुंदर में पायी जाने वाले विभिन्न प्रकार की मछलियों जैसे मैकरेल, सालमोन, शॉर्क
और सार्डिन्स जैसी छोटी समुद्री मछलियां काफी हानिकारक हो सकती है | इसलिए इन
मछलियों का सेवन अधिक नहीं करना चाहिए | इनका लाभ लेने के लिए इन्हें केवल सप्ताह
में दो बार ही खाना चाहिए |
मधुमेह की समस्या :
अधिक मात्रा में मछली का सेवन करने से मधुमेह
की समस्या होने की संभावना भी होने लगती है | क्योंकि मछली में विषाक्त तत्व पाया
जाता है जिससे मधुमेह हो सकता है | कुछ छोटी मछलियों में डीडीई (Dichloro Diphenyldichloro
Ethylene) केमिकल होता है जिसके कारण परेशानी हो
सकती है | अक्सर बड़ी मछलियाँ अपने भोजन के रूप में छोटी मछलियों को खा लेती है
जिसके कारण उनमे भी यह केमिकल पहुँच जाता है | इसलिए इनके अधिक सेवन से परहेज रखना
ही फायदेमंद रहता है |
कितनी मात्रा में मछली का सेवन उचित :
जो लोग समुंदर के किनारे रहते है वे अक्सर
मछलियों का सेवन अधिक मात्रा में करते है | लेकिन ऐसा कहना बिलकुल गलत है क्योंकि
समुन्द्र में प्रदूषण का स्तर रोजाना बढ़ता ही जा रहा है जिसके कारण मछलियों का
सेवन अधिक मात्रा में नहीं किया जा सकता है | हालाँकि सप्ताह में दो बार मछली का
सेवन करने से कुछ परेशानी नहीं होती है लेकिन इससे ज्यादा करने पर स्थिति गंभीर हो
सकती है |
अमेरिका स्थित इंवायरमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी
(ईपीए) के अनुसार एक सामान्य व्यक्ति नियमित रूप से 8 माइक्रोग्राम मछली का सेवन
कर सकता है | एक सामान्य मछली का वजन 13 आउंस तक हो सकता है जिसका सेवन कोई
सामान्य व्यक्ति करके लाभ ले सकता है |
हालाँकि मछली का सेवन करने से हमें कई तरह के
स्वास्थ्यवर्धक लाभ होते है साथ ही कई बिमारियों से बचाव करने में भी मदद मिलती है
| लेकिन हमें ऊपर दिए गए सुझावों को ध्यान में रखते हुए इनका अधिक सेवन नहीं करना
चाहिये क्योंकि इससे कई तरह की भयंकर बीमारियाँ होने की संभावना बन सकती है |
इसलिए जो मात्रा सामान्य व्यक्ति के लिए निर्धारित होती है हमें केवल उतनी ही
मात्रा का सेवन करके लाभ लेना चाहिए |
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