छोटे
बच्चे का लगाव हमेशा माँ से ही ज्यादा होता है क्योंकि माँ उसकी हर बात बिना कहे
ही समझ जाती है | इसी वजह से बच्चे का पहला स्कूल भी उसकी माँ को ही कहा जाता है
क्योंकि उसे जीवन का शुरुआती ज्ञान वहीं से मिलता है | लेकिन
कई बार बच्चे के मन की स्थिति को समझना बड़ा मुश्किल हो जाता है जिसके कारण बच्चे
में चिड़चिड़ापन, गुस्सा या चुप रहना आदि लक्षण देखने को मिलते है | कई बार बच्चे
इसके विपरीत चुपचाप और गुमसुम रहने लगते है | इन सभी लक्षणों से बच्चे को कोई
गंभीर समस्या होने का कारण समझा जा सकता है |
आज
हम आपको इस लेख के माध्यम से बच्चे में चिड़चिड़ापन होने के कारणों के बारे में
बताने जा रहे है जिन्हें जानकर आपको बच्चे में इस तरह के लक्षणों को पहचान कर
उन्हें दूर करने के प्रयास करने चाहिए | आइये जानते है इस सम्बन्ध में कुछ खास जानकारी
जो आपके सामने इस तरह से है :
बच्चे
में चिड़चिड़ापन होने के कई कारण हो सकते है जिनमे से कुछ प्रमुख कारण ये है :
नए
बदलाव होने से :
छोटे
बच्चे के जीवन में सभी चीजे उसे नयी लगती है और इसके लिए उन्हें तैयारी का कोई
मौका नहीं मिलता है | छोटे बच्चों को आम तौर पर व्यवहार करने के तरीको के बारे में
पता नहीं होता है या फिर वे जुबान से कुछ कह नहीं पाते है इसलिए शारीरिक हाव भाव
से वे उस बात को दर्शाते है जो वे आपसे कहना चाहते है |
बच्चों
में चिड़चिड़ापन होने के कुछ कारण हो सकते है जैसे घर में उसके सोने की जगह को बदलना
या सोने की अलग व्यवस्था करना, घर में दूसरे बच्चे के जन्म पर उसकी कुछ आदतों में
बदलाव होना या उसके प्लेग्रुप में बदलाव आने से भी ऐसा हो सकता है |
उसकी
समस्या को ना समझने से :
कई
बार पेरेंट्स बच्चे की छोटी मोटी समस्या को अनदेखा कर देते है या उसका कोई हल नहीं
करते है | पेरेंट्स का इस तरह का व्यवहार बच्चे को काफी गुस्सा दिलाता है जिसके
कारण उसमे चिड़चिड़ापन आने लगता है | इसलिए कभी भी ऐसा नही करना चाहिये और बच्चे को
पूरा समय देना चाहिए साथ ही उसकी छोटी बड़ी हर समस्या को दूर करने के उपाय करने
चाहिए | अगर आप सही समय पर अपने बच्चे से बातचीत कर लेते है तो आपके बच्चे को शायद
इस तरह की कोई समस्या नहीं होगी |
पसंद
की चीज ना मिलने से :
वैसे
तो सभी बच्चे हमेशा अपनी पसंद की चीजें खाना और पहनना पसंद करते है और जब उन्हें
वो चीज ना मिले तो वे उदास हो जाते है | कुछ बच्चे थोड़े समय उदास होकर ठीक हो जाते
है लेकिन कुछ बच्चों में इससे चिड़चिड़ापन आने लगता है और जब कभी उनकी पसंद की चीज
उन्हें नहीं मिलती है तो उन्हें गुस्सा आने के साथ और कई समस्याएँ होने लगती है| इसलिए
आप बच्चों को ऐसे चीजों की आदत ही ना लगायें जो आप उन्हें ना दिला सकें ताकि आपका
बच्चा भी सिर्फ उसे ही पाने के लिए आपके सिर में दर्द ना करें |
चैन
की नींद ना सोने पर :
छोटे
बच्चे कभी भी अकेला सोना पसंद नहीं करते है खासकर उन्हें माँ के साथ सोने में बहुत
चैन मिलता है | कई बार माँ अपने घर के काम करने के लिए बच्चे को अकेला सुलाने की
कोशिश करती है या उसे अपने से दूर कही अकेला सुला देती है तो बच्चा जल्दी ही नींद
से जागकर जोर जोर से रोने लगता है | इसी वजह से बच्चे में चिड़चिड़ापन भी आने लगता
है इसलिए आपको बच्चे की भावनाओं को समझना चाहिए और उसे अपने पास ज्यादा समय तक
सुलाना चाहिए ताकि उसे चैन की नींद मिल सके और वो आपको परेशान भी ना करें |
थकावट
और भूख लगने के कारण :
बच्चे
दिन भर कुछ ना कुछ हरकते करते रहते है चाहे वो ज्यादा छोटे बच्चे हो या फिर चलने
फिरने वाले बच्चे हो, दोनों ही दिन भर खेलते रहते है जिसके कारण उन्हें थकान होने
के साथ साथ भूख भी लगती है | इसलिए जब कोई उनकी तरफ ध्यान नहीं देता और उनकी जरूरत
पूरी नहीं करता है तो उन्हें गुस्सा आने लगता है | इसलिए आपको उसे उचित आहार देने
के साथ उसके आराम करने के लिए भी उचित व्यवस्था करनी चाहिए साथ ही आपकी उसकी दिनभर
की एक्टिविटी पर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि कई बार बच्चा किसी बात को पसंद नहीं
करता है और उसके साथ बार बार ऐसा होने से उसमे चिड़चिड़ापन आ सकता है |
ऊपर
दिए गए सुझावों को ध्यान में रखते हुए आप अपने बच्चे को चिड़चिड़ा होने से रोक सकते
है | चिड़चिड़ापन और ज्यादा गुस्से की स्थिति बच्चों के लिए फायदेमंद नहीं होती है
इसलिए आपको अपने बच्चे को इन सभी समस्याओं से दूर करने के लिए इन उपायों का फायदा
लेना चाहिए ताकि आपका बच्चा हमेशा स्वस्थ और खुशहाल रहें |
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