Brahma Muhurta Aur usme jangne ke laabh in Hindi | ब्रह्म मुहूर्त में उठने के क्या लाभ है


ब्रह्म मुहूर्त से आप क्या समझते है?

ब्रह्म मुहूर्त रात्रि के अन्तिम पहर को कहते है अर्थात जब रात्रि समाप्त होने वाली होती है और भौर (सुबह) या दिन शुरू होने वाला होता है| आयुर्वेद के अनुसार सुबह  4:24 से 5:12 के बीच का समय ब्रह्मा मुहूर्त के रूप में जाना जाता है।शास्त्रों के अनुसार नींद का त्याग करने का यह सब से उतम समय होता है|

Brahma Muhurta Aur usme jangne ke laabh

ब्रह्म मुहूर्त में उठने के चमत्कारी और स्वास्थ्य वर्धक लाभ:

1. ब्रह्म मुहूर्त में उठने या जागने वाले मनुष्य को स्वास्थय , सौन्दर्य ,बल ,बुद्धि और विद्या प्राप्त होते है|

2. सुबह जल्दी उठने से आप मानसिक तनाव, चिंता, अनिद्रा और निराशा जैसी विभिन्न मानसिक बीमारियों से दूर रह सकते हैं

3. खुशनुमा माहौल का शरीर और मन पर काफी प्रभाव पड़ता है। सुबह जल्दी उठने से शरीर में शारीरिक ताकत और सहनशक्ति का निर्माण होता है।

4. शरीर को स्वस्थ और फिट रखने के लिए व्यक्ति ताजा और स्वच्छ हवा में सांस ले सकता हैं। पर्यावरण की ताजगी का अनुभव करने के लिए यह उपयुक्त और सही समय है।


5. ब्रह्मा मुहूर्त व्यक्ति को नए दिन की जोश भरी शरुआत करने के लिए प्रेरित करता हैं| यह साबित हो चुका है कि  जो व्यक्ति सुबह जल्दी जागते हैं, वो जीवन में ज्यादा सफल होते हैं|  

6. ब्रह्मा मुहूर्त ध्यान का अभ्यास, आत्म विश्लेषण और ब्रह्मा ज्ञान के लिए उपयुक्त और सबसे अच्छा समय है।

7. ब्रह्मा मुहूर्त भगवान की पूजा के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है। यह मान्यता है कि इस समय की गई पूजा और प्रार्थना सीधे भगवान तक पहुँचती हैं | 

 ब्रह्म मुहूर्त में उठने वाले मनुष्य के स्वस्थ होने का क्या कारण है?

हमारा वायुमंडल नाइट्रोजन, आक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड तथा अन्य कई सारी गैसों का मिश्रण है| पृथ्वी पर हर जीव को जीने के लिए साँस लेने की आवश्यकता होती है, हम साँस लेते समय आक्सीजन गैस का उपयोग करते है तथा दूषित कार्बन डाइऑक्साइड गैस छोड़ते है| कार्बन डाइऑक्साइड गैस बहुत ही जहरीली होती है जो हमारे फेफडों के लिये हानिकारक है|


 वैज्ञानिक शोधों के अनुसार प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त के समय हमारा वायुमंडल प्रदुषण रहित होता है| शुद्ध वातावरण में प्राण वायु आक्सीजन गैस का प्रतिशत भी ज्यादा होता है| सूर्योदय के साथ ही सड़कों पर वाहनों की भीड़ से निकलने वाली जहरीली गैसों व अन्य कारणों से वायुमंडल में प्रदुषण की मात्रा बढ़ने लगती है|

आयुर्वेद के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर सैर करने से संजीवन शक्ति युक्त शुद्ध प्राण वायु का सेवन और स्पर्श हमारे अंदर नई शक्ति का संचार करती है| आज के दौड-भाग वाले जीवन में अमृत के समान शुद्ध वायु का सेवन बहुत अधिक लाभदायक है|  
           

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