पीपल के वृक्ष की पवित्रता का धार्मिक कारण
क्या है?
भगवान ने इस धरती पर बहुत सी
सुंदर –सुंदर चीजे बनाई है | जिनमे से प्रकृति भी एक है , प्रकृति से मानव को
बहुत सी चीजे मिलती है | जो उसके लिए अत्यंत आवश्यक और लाभदायक होती है | पेड़ –
पौधे , फूल , पतियाँ ये सभी प्राकृतिक चीजे है | वृक्षों से हमे बहुत सी चीजे
प्राप्त होती है जैसे – फल ,लकड़ी , आक्सीजन इत्यादि | वृक्ष हमारे वातावरण को शुद्ध बनाये रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका
निभाते है | वैसे तो सभी वृक्ष उपयोगी होते है | सभी से हमे कुछ न कुछ प्राप्त होता
है और सभी वृक्षों का अपना–अपना महत्व होता है |
इन सभी वृक्षों में पीपल के पेड़ को सबसे पवित्र
माना जाता है पीपल के वृक्ष को पवित्र मानने का धार्मिक कारण यह है कि हिन्दुओ की धार्मिक आस्था के अनुसार
पीपल के वृक्ष में स्वयं भगवान विष्णु जी
निवास करते है | भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं श्री मदभगवदगीता में कहा है कि वृक्षों
में मै ‘’पीपल ‘’ हूँ | स्कन्द पुराण
में भी पीपल की महिमा के बारे में बताया गया है | स्कन्द पुराण के अनुसार पीपल
की मूल जड़ में भगवान विष्णु शाखाओ में नारायण , तने में केशव ,पत्तो में भगवान हरी
और फलो में समस्त देवताओ से युक्त अच्युत भगवान निवास करते है | इसीलिए पीपल के
वृक्ष को पवित्र मानकर उसकी पूजा की जाती है |
वैज्ञानिक दृष्टि से पीपल के
वृक्ष की उपयोगिता:
वैज्ञानिक दृष्टि से भी पीपल का पेड़ बहुत उपयोगी
और लाभकारी है सभी वृक्षों में पीपल ही एकमात्र ऐसा वृक्ष है जिससे हमे दिन–रात
आक्सीजन प्राप्त होती रहती है जिससे इस संसार के सभी जीव–जन्तु साँस लेते रहते है
| इस संसार में सभी प्राणी आक्सीजन के सहारे जीवित रहते है सभी प्राणी आक्सीजन
लेते है और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते है| आक्सीजन देने के अलावा भी पीपल के वृक्ष
के बहुत से गुण और भी है जैसे – इसकी छाया हमे सर्दी के मौसम में गर्मी देती है और
गर्मी के मौसम में शीतलता प्रदान करती है| इसके अलावा इसके पत्तो , छाल ,और फलो से
बहुत सी आयुर्वेदिक दवाइयाँ भी बनाई जाती है| इसलिए वैज्ञानिक नजरिये से भी पीपल
का वृक्ष बहुत ही उपयोगी और पूजनीय है |
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