Yoga Kya Hai | योग शिक्षा और इसका महत्व | What is Yoga

Yoga Kya Hai | योग शिक्षा और इसका महत्व | What is Yoga

योग शिक्षा और इसका महत्व

वर्तमान समय में बहुत सारी बीमारियाँ है जिनका इलाज दुनिया के किसी भी डॉक्टर के पास नहीं है| जो व्यक्ति घातक बिमारियों से परेशान है और उसे कही से इलाज का उपाय नहीं मिल रहा है तो उसकी परशानी का हल यहाँ हैं| योग द्वारा शरीर की किसी भी बीमारी को ख़त्म किया जा सकता है और साथ ही शरीर की शक्ति बढ़ाने में भी योग बहुत फायदेमंद है| आप योग का फायदा कैसे उठा सकते है| इसका लाभ लेने से पहले आपको योग के बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए| योग का पूर्ण ज्ञान होने पर ही इसका पूर्ण रूप से फायदा मिलता है|

What is Yoga

योग का अर्थ (What is Yoga?) :

योग का मतलब है जोड़ना और बढ़ाना| जोड़ने से इसका मतलब है कि योग के द्वारा आत्मा को परमात्मा से जोड़ा जाता है या बिंदु को उसके विराट रूप के साथ जोड़ा जा सकता है| बढ़ाने से तात्पर्य है आत्मिक, मानसिक और शारीरिक शक्ति को बढ़ाना| योग मनुष्य की उम्र व जीने के लिए क्षमता को बढ़ाता है| योग भी बाकी अन्य उपायों की तरह ही असर करता है जैसे आप किसी काम पूरी मेहनत और तन्मयता से करते है तो आपको उस काम में अपार सफलता मिलती है| अगर आप अपने मन, शरीर व् इन्द्रियों को नियंत्रित करके ध्यान एक ओर लगायेंगें तो किसी भी कार्य को करने में कठिनाई नहीं होगी| इससे इश्वर की प्राप्ति भी की जा सकती है और मोक्ष की भी|

योग कोई भी साधारण व्यक्ति कर सकता है इसके लिए कोई विशेष रूप नही बनाना पड़ता ना ही इसके लिए घर और परिवार का त्याग करना पड़ता है| योग का मतलब है जीवन के उद्देश्य को प्राप्त करना है| योग ऐसी विद्या है जो साधारण व्यक्ति को विशेष बना देती है| योग द्वारा सिद्धि पाने के कई मार्ग है किसी भी मार्ग के द्वारा योग को साध कर आत्मज्ञान प्राप्त किया जा सकता है योग के 8 अंग – यम, नियम, आसन, प्राणायाम,प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधी है |

अधूरे ज्ञान और भ्रम के कारण योगासन को योग मान लिया जाता है जबकि ऐसा नहीं है योग के आठ अंगो में से आसन सिर्फ एक अंग है| इनका महत्व अलग होता है लेकिन ये योग सिद्धि के लिए एक रास्ते के समान है जिनसे शारीरिक विकास किया जाता है|

शरीर के विकास के लिए व्यायाम किये जातें है उसी प्रकार योगासन द्वारा लाभ लेकर शरीर की मासपेशियों व् हड्डियों को मजबूत व् लचीला बनाया जा सकता है| योगासन से शरीर के प्रत्येक अंग को फायदा होता है और साथ ही कोई दोष हो तो वह भी दूर हो जाता है| शरीर को स्वस्थ और निरोगी बनाए रखने के लिए ही योग के इस अंग की खोज की गयी है|

मनुष्य के जीवन का प्रत्येक कार्य मनुष्य की तीन शक्तियों के बिना संभव नहीं है ये शक्तियां है ज्ञान शक्ति, क्रिया शक्ति और इच्छा शक्ति| इन तीनो शक्तियों का अलग अलग महत्व है लेकिन इच्छा शक्ति इनमे मुख्य है| मनुष्य तब तक कोई काम नहीं करेगा जब तक उसकी इच्छा ना हो या फिर बिना इच्छा के कोई काम किया जायेगा तो वह कभी पूरा नहीं होगा| इच्छा शक्ति ही घ्यान शक्ति व् क्रिया शक्ति को काम करने के लिए प्रेरित करती है| ये तीन शक्तियां ब्रह्मा (ज्ञान), विष्णु (क्रिया), शिव (इच्छा) का प्रतीक है और पूजनीय है|

योग द्वारा इन तीनो शक्तियों का विकास होता है जो किसी भी साधारण व्यक्ति में ख़ास गुण भर देती है| योग की सिद्धि करके ही मनुष्य सांसारिक इच्छाओं (धानेष्णा, प्राणेषणा, परलोकेषणा) से मुक्त हो सकता है|

योग के प्रकार (Types of Yoga) :

योग का महत्व देखते हुए लोगो की रूचि दिन प्रतिदिन देश और विदेश में प्रतिदिन बढ़ रही है इससे इसका प्रचार सारे संसार में बड़े पैमाने पर हो रहा है क्योंकि इससे हमेशा ही लाभ मिलता है| इससे नुक्सान तब होगा जब यौगिक क्रियाएं सही ढंग से ना की जायें| इसलिए इसके लाभ लेने के लिए इनकी क्रियाओं को सही ढंग से करने के तरीके जान ले| रोजाना लोगो की रूचि बढ़ने के कारण अन्य योग भी प्रयोग में लाये जा रहें है इनमे सहजयोग से लोग बहुत ही प्रभावित है लेकिन ये सब मनुष्य को धोखा देने वाले है क्योंकि ज्यादातर व्यक्तियों को योग बारे में पूरा ज्ञान नहीं होता है|
अज्ञान के कारण ही इस तरह के सवाल भी पूछ लिए जातें है कि योग का कोई वैज्ञानिक आधार भी है या नहीं| प्राचीन ग्रंथो के अध्ययन से पता चलता है कि योग की खोज करने वाले ऋषि मुनियों को शरीर विज्ञान का बहुत ज्ञान था| उन्होंने इसी आधार पर योग के सभी अंगो का विस्तृत रूप से जिक्र किया हुआ है जिसे पढ़कर किसी को भी हैरानी हो सकती है| योग के इतने भेदों और यौगिक क्रियाओं का अध्ययन करने से उस समय के उन्नत ज्ञान और विज्ञान का अनुभव होता है|

योग के भेद :

योग के विभिन्न भेद इस प्रकार है – हठयोग, कर्मयोग, मंत्रयोग, ज्ञानयोग, भक्तियोग और राजयोग| वर्तमान समय में योग के बारे में बहुत सी ऐसी धारणाएं है जिनसे व्यक्ति को भ्रम होता है| कुछ लोग जिनको योग का पूरा ज्ञान नहीं है उनके द्वारा ही ये धारणाएं फैलाई गयी है| उनके आधे अधूरे ज्ञान के कारण ही ऐसा होता है उनमे से किसी को आसन का ज्ञान होता है तो प्राणायाम की विधि का पूर्ण ज्ञान नहीं होता है और जिन्हें दोनों का पूरा ज्ञान है उसे षट्कर्म का पता नहीं है| इनमे से ज्यादातर को तो खाने पीने और देशकाल का भी सही प्रकार से नहीं पता है| अगर किसी को इन सभी के बारे में ज्ञान है लेकिन उसे नहीं पता है कि यौगिक क्रियाओं में ध्यान का कितना महत्व है| यौगिक क्रियाओं में ध्यान केन्द्रित करने के लिए क्या करना चाहिए| लेकिन सबसे पहले हमें सभी आठ क्रियाओं के बारे में पूर्ण ज्ञान लेना चाहिए ताकि योग सीखने वालों को सही प्रकार से ज्ञान दिया जा सके|

आज के समय में योग की तरफ आकर्षित तो सभी होते है लेकिन योग को करने के लिए साहस केवल कुछ ही व्यक्ति करते है| इनमे से भी कुछ लोग तो योग को सिर्फ इसलिए अपनाते है कि उनके शारीरिक रोग और परेशानी दूर हो सके| योग से मधुमेह, उच्च रक्तचाप, स्वास नली के रोग, वजन कम करने के उपायों के लिए यौगिक क्रियाएं की जाती है| इसके अलावा और भी दूसरे रोगों में भी योग से बहुत आराम मिलता है| योग के अनंत गुण और फायदों के कारण दुनिया के बाकी देश भी योग की तरफ आकर्षित हो रहें है|  

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