कई
बार कोई व्यक्ति अचानक से बेहोश हो जाता है और उसके लिए ऐसी स्थिति बहुत डरावनी
होती है क्योंकि उसे इसके बारे में कुछ अंदाजा भी नहीं होता है | अगर आपके साथ ऐसा
बार बार होता है तो आपको इसके लिए कुछ उपाय जरुर करने चाहिए नहीं तो इसके बुरे
परिणाम हो सकते है |
आज
हम आपको अचानक से बेहोश होने से बचने के उपायों के बारे में बताने जा रहे है | इन
उपायों से आप ऐसी स्थिति से बचाव करने में सफल हो सकते है | आइये जानते है इस
सम्बन्ध में कुछ खास उपाय जो आपके सामने इस प्रकार से है :
लक्षणों
की पहचान करें :
जब
आप अचानक से बेहोश होने वाले होते है तो आपको चक्कर आने लगते है साथ ही आँखों के
आगे अँधेरा सा छाने लगता है | आपको अपना शरीर हल्का सा लगने लगता है | आपके आस पास
का शोर शांत होने के साथ साथ आपको महसूस होने लगता है | अगर आपको इनमे से कोई भी
लक्षण महसूस होने लगे तो सब कुछ छोड़कर आराम से जमीन पर बैठ जायें | इससे आपको कोई
चोट लगने की संभावना खत्म हो जाती है |
कुछ
लोग बेहोश होने से पहले ही आँखों के आगे अँधेरा सा महसूस करने लगते है और उन्हें
बाकी चीजे भी धुंधली नजर आने लगती है | कई बार मितली जैसा भी महसूस होने लगता है
साथ ही सुनने के शक्ति कम होने के साथ साथ बाते भी कम समझ में आती है | बेहोश होने
से पहले कुछ लोगो में इस तरह के लक्षण भी देखने को मिलते है |
तुरंत
लेट कर बचाव करें :
जब
आपको बेहोशी के लक्षण मेहसूस होने लगे तो आप अचानक से कही गिर सकते है जिसके कारण
आपको गंभीर चोट लग सकती है | हालाँकि आप गिरने के कारण ज्यादा चोटिल नहीं होते है
लेकिन अगर आप किसी सड़क या अन्य भीड़ की जगह अचानक गिरते है तो बड़ा हादसा हो सकता है
| इसलिए कभी भी ऐसे लक्षण महसूस होते ही आराम से लेट जाएं | अगर आप घर पर होते है
तो पैरो के नीचे तकिया लगाकर इन्हें सामान्य से थोड़ा ऊपर करके लेट जाएं | इस तरह
से लेटने पर हृदय और दिमाग में खून की गति बढ़ने लगती है जो आपके लिए उस समय बहुत
फायदेमंद होती है |
हालाँकि
लेटने के बाद ऐसा नहीं है कि आप बेहोशी से बच सकते है बल्कि आप चोट की किसी
संभावना को खत्म कर सकते है | आपको लेटने के बाद भी बेहोशी आ सकती है | अगर किसी
जगह पर लेटना संभव ना हो सके तो बैठकर अपने सिर को घुटनों के बीच दबा देना चाहिए
ताकि रक्त संचार की गति में वृद्धि हो सके | अगर कोई आपके आस पास है तो बेहोश होने
से पहले आप उसकी मदद लेकर खुली और हवादार जगह पर जा सकते है |
समय
रहते आप किसी से मदद के लिए कहें :
कोई
भी व्यक्ति अचानक बेहोश होने की स्थिति को बहुत डरावना महसूस करता है इसलिए उसे
समय रहते अगर संभव हो सके तो किसी परिचित की मदद लेनी चाहिए | बेहोशी की स्थिति
होने के लक्षणों की पहचान करने के बाद आप वही रूककर अपने आस पास के लोगो से सहायता
ले सकते है |
कभी
भी ऐसी स्थिति होने पर भीड़ भरे क्षेत्र से बाहर निकलकर एकांत और खुली हवा में जाएँ
| अगर संभव हो सके तो अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य को फोन करके अपनी स्थिति
के बारे में बताकर मदद के लिए कहें | अगर कोई मित्र या परिचित ना मिले तो अपने आस
पास किसी अजनबी से भी आप मदद ले सकते है |
अगर
कोई व्यक्ति ना मिले तो किसी वस्तु का सहारा लें :
बेहोशी
की स्थिति होने से पहले अगर किसी व्यक्ति का सहारा ना मिल पाए तो खड़े खड़े बेहोश
होने की बजाय आप किसी दीवार का सहारा ले सकते है | इसके अलावा किसी पेड़ या कोई
अन्य सहारा देने वाली चीज के साथ खड़े हो जाएँ या संभव हो तो बैठने की कोशिश करें|
इस तरह से आप किसी भी संभावित चोट को टालने में कामयाब हो सकते है |
इसके
अलावा आप किसी नर्म या मुलायम चीज को अपने सिर के पास लगा लें ताकि गिरते समय कोई
गहरी चोट ना लगने पाए | अगर सीढियों पर चढ़ते हुए इस तरह की समस्या होने की संभावना
बनती है तो आप रेलिंग का सहारा ले सकते है और उसे कसकर पकड़ लें तथा वहीँ बैठ जाएं
| अगर किसी भी ऊंचाई वाली जगह आपके साथ ऐसा होता है तो भरपूर कोशिश करके सतह पर
आने का प्रयास करना चाहिए |
बेहोशी
खत्म होने के बाद भी हमें कुछ उपाय करके स्वयं को संभालना चाहिए इसलिए इस दौरान
हमें कुछ बाते ध्यान रखकर इन उपायों का प्रयोग करना चाहिए :
गहरी
साँस लेनी चाहिए :
बेहोशी
के बाद जब आपको होश आता है तो आपको गहरी साँस लेते हुए अपनी शरीर पर लगी हुई चोट
की जाँच करनी चाहिए | आप दस से 15 मिनट तक इसी मुद्रा में रहते हुए साँस लेते रहें
| इसके बाद एक दम से उठने की कोशिश ना करते हुए धीरे धीरे हाथ और पैरों को हिलाएं
ताकि रक्त संचार में वृद्धि हो सके | इसके बाद उठकर अपने दोस्त या रिश्तेदार को इस
स्थिति के बारे में बताकर अपने पास मदद के लिए बुला लें |
उचित
आहार का सेवन करें :
बेहोशी
की हालत से उभरने के लिए आपको उचित रूप से आहारों का सेवन करना चाहिए | इनमे अधिक
मात्रा में तरल लेने चाहिए जिसके कारण शरीर से निकले पसीने या गर्मी के कारण हुई
पानी की कमी दूर हो सके |
नमकीन
पदार्थों का सेवन :
नमकीन
पदार्थों का सेवन करने से रक्त पर दबाव बढ़ने लगता है इसी वजह से डॉक्टर भी इस
स्थिति के बाद हमेशा नमकीन चीजों के सेवन की सलाह देते है | हालाँकि अधिक मात्रा
में नमक का सेवन नुकसानदायक हो सकता है इसलिए नमकीन चीजों की उचित मात्रा का सेवन
करके लाभ लेने के लिए डॉक्टर से सलाह जरुर लेनी चाहिए |
ज्यादा
काम ना करें :
इस
स्थिति से पूरी तरह से उभरने के लिए आपको कुछ दिनों तक भरपूर आराम की जरूरत होती
है इसलिए ज्यादा काम नहीं करना चाहिए | उचित रूप से तरल और फलों का सेवन करके लाभ
लेना चाहिए | इसके साथ साथ कोई व्यायाम आदि करके भी रक्त संचार में वृद्धि करने का
प्रयास करना चाहिए |
इसके
बाद भी आपको बेहोशी आने के लक्षण महसूस होते है तो आपको इमरजेंसी सर्विसेस की
सहायता लेनी चाहिए | इसके अलावा इस सम्बन्ध में आप किसी विशेषज्ञ से भी राय लेकर
उपचार करा सकते है |
आवश्यक
सलाह :
स्कूल
के दौरान बच्चे को ऐसी समस्या होने पर उसे अपने क्लास टीचर से सम्पर्क करके मदद
लेनी चाहिए | साथ ही बेहोश होने से पहले अपने किसी साथी या अन्य की मदद जरुर लेनी
चाहिए |
अगर
आपको अचानक से चक्कर आने लगते है तो खुद को भीड़ से अलग करके एकांत में जाकर बैठ
जाएँ और किसी भी चोट की संभावना को खत्म करें |
ध्यान
रखें :
बेहोशी
के बाद आपको कोई गुम (अंदरूनी) चोट लगी हो तो इसके बारे में डॉक्टर को जरुर बताएं
| इसके साथ ही अगर आप गाड़ी चलाते समय ऐसी लक्षणों को महसूस करें तो गाड़ी को आस पास
किसी सुरक्षित स्थान पर रोक दें |
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