प्रथम पूजनीय एवम सर्वश्रेष्ठ भगवान गणेश | Bhagwan Ganseh ki Prtham Pooja |why Lord Ganesh Worshiped First


भगवान गणेश सभी देवतओं में प्रथम पूजनीय एवम सर्वश्रेष्ठ क्यों मानें जातें हैं?

Importance of Lord Ganesha worshipहिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार हमारे 64 करोड़ देवी देवता हैं, इस संसार को चलाने के लिए सभी देवताओं की भूमिका होती है जैसे सूर्य देव हमें जीवन दायनी ऊष्मा और रोशनी प्रदान करतें हैं, पवन देव सभी जीवों को प्राण वायु प्रदान करतें हैं, इन्द्र देव बरसात के द्वारा धरती पर खेती और पीने के लिए पानी प्रदान करतें हैं| इस तरह अनेक बहुत ही सुन्दर और बहुत ही शक्तिशाली देवता हैं फिर भी भगवान गणेश सभी देवतओं में सबसे पहले क्यों पूजे जाते हैं?......

हमारे पुराणों में प्रचलित एक प्राचीन कथा के अनुसार एक बार सभी देवों की सभा हुई उसमे यही प्रश्न उठा की सबसे सर्वश्रेष्ठ कौन है, सभी ने अपने अपने मत दिए किन्तु निर्णय नहीं हो पाया| अंत में यह निर्णय लिया की जो भी तीनो लोको की परिक्रमा करके इस स्थान पर सबसे पहले पहुँचेगा वो ही पूजनीय एवम सर्वश्रेष्ठ होगा| इतना सुनते ही सभी देवगण अपने अपने तेज़ वाहनों पर सवार हो कर चल दिए परन्तु भारी शरीर वाले गणेश जी अपने वाहन मूषक के साथ वहाँ पर रुके रहे| भगवान गणेश ने अपना साहस और बुद्धि को नहीं गवाया और तुरन्त उस स्थान पर गए जहाँ पर उनके माता और पिता (शिव और पार्वती) विराजमान थे| भगवान गणेश ने अपने माता पिता की तीन परिक्रमा की और उसी सभा में जा कर सबसे पहले सभापति के पद पर बैठ गए| फिर तीनो लोको की परिक्रमा करके कार्तिकेय जी मयूर पर सवार हो कर सभा में पहुंचे, सभापति के पद पर  आसीन गणेश जी को लड्डू खाते देख उन को बड़ा क्रोध आया और क्रोधवश उन्होंने गणेश जी पर अपने मुगदर से उनके दाँत प्रहार किया| इस प्रहार से गणेश जी का एक दाँत टूट गया, तभी से गणेश जी का नाम एकदंत भी पड़ गया|

भगवान गणेश सभी देवतओं में प्रथम पूजनीय एवम सर्वश्रेष्ठ क्यों मानें जातें हैं

   भगवान गणेश ने सभी देवों के सामने अपना तर्क रखते हुए कहा कि इस जग में तीनों लोकों की सुख सम्पदा माता पिता के चरणों में विराजमान होती हैं| माता पिता के चरणों की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा हैं और जो इस सेवा को छोड़ कर दुसरे लोकों में घूमता फिरता हैं उसकी सारी मेहनत और जीवन बेकार जाता हैं| तभी से भगवान गणेश सभी देवतओं में प्रथम पूजनीय एवम सर्वश्रेष्ठ मानें जातें हैं|

 भगवान गणेश जी की कुछ विशेषताएं (Some features of Lord Ganesh)

God ganesh wallpapers

विशाल मस्तक: भगवान गणेश का विशाल मस्तक हमें लाभदायक विचार ग्रहण करने की प्रेरणा देता हैं |
बड़े बड़े कान: भगवान गणेश के बड़े बड़े कान अच्छे विचार सुनने की प्रेरणा देते हैं |
लम्बी नाक (सूंड): भगवान गणेश की लम्बी नाक (सूंड) खतरों को सूंघने की प्रेरणा देती हैं |  
एकदंत: भगवान गणेश का एक दांत एक वचन से बंधने की प्रेरणा देता हैं |
छोटी छोटी आंखे: भगवान गणेश की छोटी छोटी आंखे ध्यान में मगन होने की प्रेरणा देती हैं | 
मोटा पेट: भगवान गणेश का मोटा पेट पाचन शक्ति और धैर्यता का प्रतीक हैं|
हाथ में परशु: भगवान गणेश के हाथ में परशु विध्नों के विनाश का प्रतीक हैं|
वरदान मुद्रा: भगवान गणेश मानव कल्याण हेतु वरमुद्रा धारण किये हुए हैं|   

भगवान गणेश जी के आराधना मंत्र (Lord Ganesh Aradhana Mantra in Hindi)

Lord Ganesh Mantra in Hindi

श्री गणेश बीज मंत्र का जाप करने से गणेश जी बुद्धि प्रदान करते हैं:
1 )
      ॐ गं गणपतये नम:
2 )
       ॐ गणेशाय नम:

किसी भी कार्य के प्रारंभ में गणेश जी के  श्री गणेश मंत्र  का ध्यान  करना चाहिए:
1 )  
ऊँ वक्रतुण्ड़ महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा।।
2)
ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्।


why Lord Ganesh Worshiped First

Lord ganesh images



भगवान गणेश की इन विशेषताओं को अगर मानव अपने जीवन में ढाल ले तो वो भी इस समाज में प्रथम का दर्जा पा सकता हैं|


No comments:

Post a Comment