वर्तमान समय में सायटिका रोग से समाज का हर वर्ग परेशान है इसमें चाहे
बच्चा, बुढा या जवान हो| यह रोग किसी को भी अपनी चपेट में लेकर जीना
मुश्किल कर देता है| यह रोग हमारी रोजाना की जीवनशैली के कारण ही
हमारे ऊपर अपना प्रभाव डालता है| हमारे उठने बैठने
और चलने फिरने के गलत तरीके ही इस रोग की प्रमुख वजह होते है क्योंकि इसी कारण
नसों में दर्द या खिंचाव हो जाता है जो सायटिका रोग को जन्म देता है| विशेष रूप से नसों में दर्द या खिंचाव को ही
सायटिका रोग का नाम दिया गया है| यह दर्द विशेषत:
पैरों की नशीं में होने लगता है|
सायटिका रोग होने के और भी बहुत सारे कारण है जिनके बारे में पता
लगाकर हम इस रोग से अपना बचाव कर सकते है| इस रोग का एक और
मुख्य कारण है कंप्यूटर या टेबल पर अधिक समय बिना आराम किये तक काम करते रहना| ज्यादा समय तक काम करने पर नसों में तनाव आ जाता
है और पीठ में दर्द होकर अकड़न महसूस होने लगती है जिसकी वजह से व्यक्ति को घुमने
फिरने में पीड़ा (दर्द) होने लगती है|
सायटिका रोग के लक्षण :
1. इस समस्या के दौरान शरीर के किसी भी हिस्से को
स्पर्श करने या उस पर दबाव देने से बहुत दर्द होने लगता है|
2. यह रोग होने पर पैरों को उठाते समय कष्ट अनुभव
होते है तथा पैरों की उँगलियाँ भी नहीं उठाई जा सकती |
3. बिना किसी हलचल या गतिविधि के अचानक से शरीर के
किसी भी हिस्से में तेज दर्द होना|
4. जलन महसूस होने लगती है|
5. कभी कभी हल्का दर्द भी होने लगता है|
सायटिका रोग का उपचार :
सायटिका रोग के लक्षणों को पहचानने के बाद इसके इलाज में देरी नहीं करनी चाहिए और
ना ही खाने-पीने के मामले में लापरवाही बरतनी चाहिए क्योंकि इससे यह बीमारी गंभीर
रूप ले सकती है| यह रोग इतना प्रभावी हो सकता है कि इसके कारण
व्यक्ति का चलना फिरना बिलकुल बंद हो सकता है और उठने बैठने में भी बहुत परेशानी
और तकलीफ सहनी पड़ सकती है|
आयुर्वेद के द्वारा सायटिका का उपचार :
1. सायटिका के दर्द के दौरान 10 -10 ग्राम अश्वगंधा
पाक और दूध का मिश्रण करके सेवन करने से आराम मिलता है|
2. किसी अच्छे दर्द निवारक तेल जैसे महाबल तेल,
महानारायण तेल या महाविषगर्भ तेल की मालिश करके भी सायटिका के दर्द से छुटकारा
मिलता है|
3. इसके अलावा दूध में लहसुन मिलाकर तथा उसे उबालकर
खीर बनाकर खाने से भी सायटिका रोग से छुटकारा पाया जा सकता है|
4. इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए एरंड के बीजों
की 10 ग्राम गिरी को दूध के साथ उबाल कर इसका सेवन सुबह के समय नियमित रूप से करना
बहुत लाभदायक सिद्ध होता है|
5. दशमूल का काढ़ा तैयार कर ले और उसमे कुछ मात्रा
में भुनी हुई हिंग मिलाकर रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से इस समस्या से निजात पाई जा
सकती है|
6. ऐसी
चीजों के सेवन से बचना चाहिए जिनसे वात विकार होने की सम्भावना रहती है तथा
सर्दियों के मौसम में पूरी बाजु वाले व गर्म कपड़ों का प्रयोग करना चाहिए| नहाने के लिए भी गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना
चाहिए तथा घर के अन्दर नंगे पैर भी नहीं घूमना चाहिए|
7. सायटिका रोग में रोगी को असहनीय दर्द होता है और
इसको व्यायाम करके ठीक किया जा सकता है| इस तरह के व्यायाम
का अभ्यास करना चाहिए जिनमे शरीर का खिंचाव आगे की तरफ रहता है| नियमित रूप से व्यायाम करने से नसों पर दबाव
पड़ने के कारण सायटिका के दर्द में बहुत राहत मिलती है|
किन चीजों से परहेज करना
चाहिए :
1. इस समस्या के दौरान भारी सामान या वजन नहीं उठाना
चाहिए|
2. हाई हील्स सैंडिल या फिर ऐसे जूतों का भी प्रयोग
नहीं करना चाहिए|
3. वेस्टर्न टॉयलेट के प्रयोग से भी परहेज करना बहुत
जरुरी है|
4. इस समस्या में आगे की तरफ झुकना हानिकारक हो सकता
है इसलिए ऐसा बिलकुल ना करें|
5. जैसे जैसे व्यक्ति की उम्र बढती है वैसे ही
सायटिका का दर्द भी अधिक बढ़ता जाता है इसलिए इस दर्द से बचने के लिए तथा हड्डियों
को लचीला और मजबूत बनाने के लिए नियमित रूप से व्यायाम और दैनिक क्रियाएँ करना
बहुत जरुरी है|
महत्वपूर्ण आसन जिनसे सायटिका के दर्द में आराम मिलता है इस प्रकार है
:
1. मत्स्यासन
2. मकरासन
3. भुजंगासन
4. वज्रासन
5. वायुमुद्रा
6. क्रीडा आसन
इन
सभी आसनों में सबसे अधिक फायदा वज्रासन के द्वारा लिया जा सकता है क्योंकि वज्रासन
से रीढ़ की हड्डी को लचीलापन प्रदान करके दर्द से राहत ली जा सकती है|
लेकिन इन आसनों को ध्यानपूर्वक और पूरी तरह से इनकी विधियों को जानकार करने से ही
पूर्ण लाभ लिया जा सकता है अन्यथा इनसे लाभ की बजाय नुक्सान भी हो सकता है|
अधिक लाभ लेने के लिए इनको किसी साधक या योगी की देखरख में ही करना चाहिए|
आधुनिक
चिकित्सा के द्वारा :
आयुर्वेदिक
उपचारों के अलावा आधुनिक चिकित्सा के द्वारा सायटिका की उपचार आसानी से किया जा
सकता है|
आधुनिक चिकित्सा के अनुसार फिजियोथेरेपी और डॉक्टर की सलाह लेकर इस्तेमाल की जाने
वाली दवाएं शामिल है|
हालाँकि
घरेलू उपचार सस्ता और बिना परेशानी के किया जा सकता है|
आधुनिक चिकित्सा के द्वारा सायटिका का उपचार थोडा महंगा हो सकता है जो साधारण
व्यक्ति के बजट से बाहर हो सकता है| घरेलू उपचारों में सिकाई और
व्यायाम इस समस्या से छुटकारा पाने के सबसे बेहतरीन उपाय है|
इनमे कुछ समय तो जरुर लग सकता है लेकिन ये उपाय आपको इस गंभीर बीमारी से निजात
दिलाने में बहुत कारगर साबित हो सकते है|
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