स्वस्थ और तेजस्वी
संतान प्राप्ति के लिये किन बातों
का रखें ध्यान:
How to get healthy and stunning child?
संतान सुख के बिना गृहस्थ जीवन अधूरा माना जाता है | गृहस्थ जीवन
की सफलता उत्तम संतान की प्राप्ति से होती है । योग्य संतान प्राप्त करने के इच्छुक दंपति अगर कुछ साधारण नियमो का पालन करके वे स्वस्थ, निरोगी और
तेजस्वी संतान प्राप्ति कर सकते है| दिव्य संतान प्राप्ति हेतु कुछ सामान्य नियम इस
प्रकार है, जिनका उपयोग करके आप अवश्य ही लाभ उठा सकते है|
ऋतुकाल या
मासिक धर्म शुरू होने के दौरान यदि आप चौथी, छठी, आठवीं, दसवीं बारहवीं
और चौदहवीं रात्रि को स्त्री के साथ सम्बन्ध बनाते है तो आप तेजस्वी और लम्बी आयु वाली
पुत्र संतान प्राप्त कर सकते है । जब पुरूष का दांया स्वर और स्त्री का बांया स्वर
चल रहा हो तब सम्बन्ध बनाने से अवश्य ही पुत्र की प्राप्ति होती है |
ऋतुकाल या मासिक धर्म शुरू होने के दौरान
यदि आप पाँचवी, नवीं, और ग्यारहवीं रात्रि को स्त्री के साथ सम्बन्ध बनाते है तो आप
तेजस्वी और गुणवान पुत्री की प्राप्ति कर सकते है । जब पुरूष का बांया स्वर और स्त्री
का दांया स्वर चल रहा हो तब सम्बन्ध बनाने से पुत्री की प्राप्ति होती है |
यदि आप सातवीं रात्रि में स्त्री के साथ सम्बन्ध बनाते है तो आप
दुर्भागी पुत्री को जन्म देते है ।यदि आप तेरहवी रात्रि में स्त्री के साथ सम्बन्ध बनाते है तो आप चिंतावर्धक कन्या को जन्म देते है ।
गृहस्थ जीवन में इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए की यदि आप मासिक धर्म की पहली तीन रात्रियों में, त्यौहार
के दिन, श्राद्ध के दिनों में, ग्रहण के दिन, प्रदोष काल में, एकादशी, अमावस्या और
पूर्णिमा के दिन स्त्री के साथ सम्बन्ध बनाने से अपंग और दुःख देने वाली संतान का जन्म
होता है |
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