Goddess Brahmacharini | Maa Brahmacharini Worshiped on the second day of Durga Navratri

माँ दुर्गा का दूसरा स्वरूप : ब्रह्मचारिणी  देवी

आदि भवानी माँ की नौ शक्तियों में से दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी  देवी का है  इसलिए नवरात्र के दूसरे दिन  माँ ब्रह्मचारिणी  देवी की पूजा और आराधना की जाती है|ब्रह्मा शब्द का अर्थ तपस्या  से है   चारिणी से हमारा अर्थ आचरण  करने वाली अर्थात तप का आचरण करने वाली|

माँ का स्वरूप: माँ  ब्रह्मचारिणी  देवी का स्वरूप अत्यंत भव्य और पूर्ण ज्योतिर्मय है | माँ  बाएँ हाथ में कमंडल दायें हाथ में रुद्राक्ष धारण करने वाली है माँ का यह स्वरूप कल्याण और मोक्ष प्रदान करने वाला है

Maa Brahmacharini Worshiped on the second day of Durga Navratri


देवी की यही आद्या शक्ति है, ब्रह्मा जी की शक्ति इसी में है और शक्ति की शक्ति भी ब्रह्मा  है । अर्थात ये ब्रह्मा जी की ही एक शक्ति है । ब्रह्मा जी ने सृष्टि की उत्पत्ति के समय मानस पुत्रों को जीवन दिया । मानस पुत्रों  से सृष्टि का विस्तार नहीं हो सका ।  ब्रह्मा जी को बड़ी हैरानी हुइ , तब उन्होंने शिव से पूछा । भगवान सदाशिव ने कहा कि देवी की शक्ति के बिना इस सृष्टि का विस्तार नहीं हो सकता | सभी देवता मिल कर माँ भवानी की शरण में गए । तब देवीने  इस सृष्टि का विस्तार किया । तभी से गर्भ धारण कर शिशु जन्म की नींव पड़ी  व नारी को माँ का दर्जा मिला । अर्थात माँ  ब्रह्मचारिणी इस सृष्टि का निर्माण करने वाली है |

माँ भवानी का ये स्वरूप भगतों को अनंत फल देने वाला है । माँ की उपासना से तप, त्याग , संयम , वैराग्य और  सदाचार  की वृद्धि होती है । इस दिन उपासक का मन स्वाधिष्ठान चक्र में स्थित होता है | 
      
ब्रह्मचारिणी  देवी की आराधना का मंत्र है। ………

“या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम ||

करपदमाभ्यामक्ष माला कमंडलू | देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिणीयनुत्तमा ||”


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