दुर्गा नवरात्र किसे कहते है? ,यह व्रत क्यों करते है? और इस व्रत
के करने से किस फल की प्राप्ति होती है?
दुर्गा नवरात्र किसे कहते है?
नवरात्र का अर्थ है, नव
अहोरात्र अर्थात नौ दिन व रात । माता दुर्गा जी की विशेष पूजा आराधना हर साल दो बार
चैत्र व अश्विन माह की प्रतिपदा से शुरू होकर
नवमी तक चलती है ।
माता दुर्गा के नौ रूपो की पूजा होने के कारण नवदुर्गा तथा नौ अलग
अलग दिन पूजन होने के कारण नवरात्र कहा जाता
है ।
चैत्र माह में पड़ने वाले नवरात्र ' वार्षिक नवरात्र
' व अश्विन माह के नवरात्र ' शारदीय नवरात्र ' कहलाते है । ये दोनों
ही मानव जीवन के लिए विषेश उपयोगी व हितकारी है ।
यह व्रत क्यों करते है ?
दुर्गा माँ शक्ति का
प्रतीक है |( श = ऐश्वर्य , क्ति = पराक्रम ) , ऐश्वर्य
और पराक्रम को देने वाली माँ शक्ति
की पूजा इन नवरात्र में की जाती है ।
इसी शक्ति को शास्त्रों
में प्रकृति व माया रूपों से भी जाना
जाता है । (प्र = प्रकृष्ट , कृति = सृष्टि ) जो सृष्टि को रचने में प्रकृष्ट हो उसे
प्रकृति कहते है ।
महासरस्वती , महालक्ष्मी
और महाकाली प्रकृति की तीन महाशक्तियाँ है । सृष्टि को रचने वाली इन्ही तीनो महाशक्तियों के रूपों की पूजा इन
नवरात्र में की जाती है ।
हिन्दू धर्म में नौ (9) अंक को बहुत पवित्र स्थान प्राप्त है । नौ
के अंक में यदि किसी भी अंक का गुणा किया जाता है, तो गुणनफल के अंको का जोड़ सदा नौ
रहता है ।
नवरात्र नौ शक्तियों का प्रतीक है । हर एक दिन एक शक्ति के
पूजन का विधान है । इन शक्तियों के नामकरण इस प्रकार किये गए है :
इस व्रत के करने से किस फल की प्राप्ति होती है?
धार्मिक ग्रंथो में नवरात्र
व्रत की विशेष महिमा का गुणगान किया गया है । यह व्रत बहुत पावन और पवित्र होता
है । देवी भागवत के अनुसार धरती पर नवरात्र व्रत के समान अन्य कुछ भी नहीं है । यह मानव कल्याण के लिए सर्वसुखदायी है । इस
व्रत को जो भगत श्रद्धा और विश्वास के साथ करते है , वे इस धरती
पर सभी सुख सम्पदा , धन ,संतान सुख और अंत
में दुर्लभ मोक्ष की प्राप्ति करते है ।
इस व्रत को करने वालो के सभी शत्रुओ का नाश हो जाता है , व
सभी मनोकामनाएँ माता की कृपा से पूरी होती है । इसलिए हर धार्मिक व्यक्ति को इस व्रत का पालन करना चाहिएँ । आदि काल में माता ने
इनदिनों में महादानव महिषासुर का नाश कर देवताओं की रक्षा की थी, इसलिए यह विजय
का उत्सव भी है |
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