अकबर बीरबल के रोचक और मजेदार क़िस्से: दूध और पानी
Akbar Birbal Story: Milk and
Water
एक दिन बादशाह अकबर ने बीरबल
से पूछा –‘’ हमारे प्रदेश की प्रजा
बहुत सुखी और खुश है, राज्य में खुशहाली है , यह सब देखकर मुझे ऐसा प्रतीत होता है
कि हमारी जनता हमारे प्रति पूर्ण रूप से ईमानदार होगी, इस बारे में तुम क्या सोचते
हो बीरबल ?
बीरबल बोले – राजनीति के हिसाब से जनता राजा से मिलने वाले दंड के कारण
ही ईमानदार रहती है | वरना उसे जब भी बेईमानी करने का अवसर मिले तो वह मौका नहीं चुकती
है |
बादशाह बोले – ‘’ मै नहीं
मानता ‘’|
बीरबल ने कहा –‘’ यकीन नहीं , तो परख कर देख लीजिए ....|’’
बादशाह बोले –‘’ तुम ही साबित करो ...’’|
बीरबल बोले – आप मुझे एक
फरमान लिखकर दीजिए –मै सारे नगर में एलान करवा देता हूँ कि राज्य में एक भोज
आयोजित करने के लिए हुकूमत की और से दूध का प्रबंध किया जाना है – सभी नगरवासियों
को आदेश दिया जाता है कि अमुक स्थान के हौज में रात आठ बजे से प्रात: चार बजे तक
सभी एक – एक लोटा लाकर डाले और हौज को भर
दे |’’
बादशाह का फरमान पुरे नगर में
जारी कर दिया गया | फरमान के अनुसार सभी राजदरबारी भी एक –एक लोटा दूध डालने हौज
में एक साथ गए | प्रजा रात में ही लोटा लेकर दूध डालने लगी | पर सभी दूध डालने
वालो ने सोचा था कि बाकि सभी लोग तो दूध डालेंगे ही ऐसे में यदि वो एक लोटा पानी
दाल देगे तो किसी को भी पता नहीं चलेगा |आखिर में परिणाम ये हुआ कि प्रातः जब हौज
को देखा गया ओ वह भरी हुई तो थी लेकिन दूध से नहीं पानी से | पानी में हल्की –हल्की
सी सफेदी थी और वो भी इसलिए थी कि दरबारियों ने एक साथ जाकर उसमे दूध ही डाला था |
जब बादशाह ने यह सब देखा तो
वो दंग रह गए |
बीरबल ने कहा – देख लीजिए महाराज , इस हौज में सफेदी सिर्फ दरबारियों के
डाले हुए दूध की है और वो भी इसलिए क्योंकि उन सभी ने एक साथ जाकर हौज में जाकर
दूध डाला था यदि वो भी एक साथ दूध डालने नहीं जाते तो हौज में इतनी सफेदी भी नहीं
दिखाई पडती | सारे हौज में पानी ही पानी होता |
इसलिए मै आपसे कहता हूँ कि “बिना
राजदंड के कानून नहीं चलाया जा सकता” |
बीरबल की चतुराई की बादशाह
अकबर ने बहुत प्रशंशा की |
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